भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव देश भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी (Janmashtami) या गोकुलाष्टमी कहा जाता है. कृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. जन्माष्टमी (Janmashtami) पर उपवास रखने से हर मनोकामना पूर्ण होती है.
हिंदू धर्म के अनुसार, श्री कृष्ण की पूजा के लिए कुछ सामग्रियां अनिवार्य होती हैं. आइये पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन की सामग्री की विस्तृत जानकारी.
जन्माष्टमी (Janmashtami) पूजा के लिए जरूरी सामग्रियां
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) पर शिशु कृष्ण के लिए पालना या झूला, शिशु कृष्ण की एक धातु की मूर्ति, श्रीकृष्ण की मूर्ति के पास रखने के लिए एक छोटी बांसुरी, एक पोशाक, आभूषण, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत्, हल्दी, कुमकुम, केसर, मक्खन, कलश, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र, सिंहासन, गंगाजल, पंचामृत, दीया, दीया जलाने के लिए तेल या घी और रुई की बाती, अगरबत्ती, धूप आदि चाहिए.
इसके अलावा फल जैसे सेब, केला, मीठा, नीबू, नाशपाती, अमरूद, पान, सुपारी, नोट या सिक्के, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, अखंड नारियल, आरती करने के लिए कपूर चाहिए.
जन्माष्टमी (Janmashtami) के व्रत से पहले की रात्रि को हल्का भोजन करना चाहिए. इसके बाद जन्माष्टमी के दिन व्रत रखें. विधि विधान से श्री कृष्ण भगवान की पूजा-अर्चना करें. बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग लगाएं. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.