नई दिल्ली| रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में बड़ौदा के लिए खेलने वाले विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस खिलाड़ी की नवजात बच्ची के बाद अब पिता का भी निधन हो गया है। वह भुवनेश्वर में चंडीगढ़ के खिलाफ रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) खेल रहे थे। इस बारे में जब उन्हें पता चला तो उन्होंने अपने घरवालों से कहा कि वह मैच के बाद पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे, लेकिन देर होने के कारण उनके पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। विष्णु (Vishnu Solanki) इस दौरान वीडियो कॉल पर थे।
बेटी का अंतिम संस्कार कर विष्णु सोलंकी ने रणजी में लगाया शतक
बड़ौदा टीम के मैनेजर ने विष्णु (Vishnu Solanki) को पिता के निधन की खबर दी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, विष्णु ने वीडियो कॉल पर ड्रेसिंग रूम के एक कोने में बैठकर पिता का अंतिम संस्कार देखा। राज्य संघ के सचिव अजीत लेले ने बताया कि सोलंकी (Vishnu Solanki) को घर जाने के लिए कहा गया था, लेकिन टीम मैनेजर ने कहा कि विष्णु (Vishnu Solanki) टीम के साथ रुकना चाहते हैं।
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बता दें कि विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) के पिता करीब दो महीने से बीमार थे और मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहे थे। विष्णु (Vishnu Solanki) अगर जाने का फैसला भी लेते, तो समय से घर नहीं पहुंच पाते।
पिता के निधन से पहले विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) ने अपनी नवजात बेटी को भी खो दिया था। सोलंकी (Vishnu Solanki) की बेटी अपने जन्म के तुरंत बाद खराब सेहत के कारण इस दुनिया को छोड़ कर चली गई। बेटी के निधन ने विष्णु (Vishnu Solanki) को झकझोर दिया था, लेकिन वे अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर मैदान पर उतरे और अपनी टीम के लिए शतक लगा दिया।
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बड़ौदा और चंडीगढ़ के बीच खेले गए रणजी मैच (Ranji Trophy) में विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) ने 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए। बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें रियल हीरो बताया है। उनकी इस दिलेरी वाली पारी को देखकर हर कोई सलाम कर रहा है। वहीं, सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) खेल रहे बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं जितने खिलाड़ियों को जानता हूं शायद ही कोई इतना टफ प्लेयर हो। मेरी ओर से विष्णु और उनके परिवार को सलाम। मैं चाहूंगा कि अभी ऐसे और शतक उनके बल्ले से निकलते दिखें।’