मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सौदेबाजी की राजनीति शुरू करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उपचुनाव में जनता द्वारा सच्चाई का साथ देने और अपनी संभावित हार से घबरायी भाजपा एक बार फिर सौदेबाजी की राजनीति उतर आयी है।
श्री कमलनाथ ने यहां जारी बयान में कहा कि उनके पास कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों की तरफ से निरंतर यह सूचना प्राप्त हो रही है कि भाजपा के लोग उनसे संपर्क करके तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा यह समझ ले कि इस प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी और बोलियों से बनी सरकार को अस्वीकार कर दिया है। दस नवंबर को उपचुनाव के परिणाम इस बात को सिद्ध करेंगे।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि शुचिता की राजनीति की बात करने वाली भाजपा को चुनाव परिणाम के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ेगा, लेकिन जो आचरण आज की भाजपा और उनके नेताओं का है, उनसे नैतिकता की उम्मीद मध्यप्रदेश की जनता को नहीं है। आज की भाजपा तो नैतिकता से कोसों दूर जा चुकी है। गत मार्च 2020 से भाजपा ने अपने आचरण से यह स्वयं सिद्ध कर दिया है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि आगामी 10 नवंबर को आने वाला जनादेश यह सिद्ध करेगा कि सौदेबाजी के माध्यम से बनने वाली सरकारे जनता खारिज करती है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने सरकार में टिके रहने के लिए मध्यप्रदेश की पहचान और जनता के सम्मान को कलंकित करने की सौदेबाजी की तो जनता के साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस आक्रमक आंदोलन और प्रतिरोध करेगी।