ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे तत्पर है। इसके लिए आरपीएफ और जीआरपी मिलकर काम कर रही हैं। ट्रेन में महिला यात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए आरपीएफ की ‘मेरी सहेली’ टीम लोगों से फीड बैक ले रही है ताकि महिला यात्रियों को आपात स्थिति में त्वरित मदद मिल सके।
मेरी सहेली टीम में आरपीएफ की महिला सब इंस्पेक्टर और चार महिला सिपाही हैं। ट्रेन में सफर करने वाली महिला यात्रियों के नाम और नंबर टीम के पास आ जाते हैं। मेरी सहेली टीम की ओर से इन नंबरों पर फोन कर उनसे फीड बैक लिया जाता है। अगर कोई महिला यात्री किसी प्रकार की शिकायत करती है तो तुरंत ट्रेन में चल रहे स्क्वायड को सूचित किया जाता है। स्टेशन पर ट्रेन आने पर भी महिला यात्री से बात की जाती है।
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आरपीएफ की मेरी सहेली टीम ट्रेनों में जाकर फीड बैक ले रही है। ऋषिकेश फेस्टिवल एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रही सरस्वती देवी ने बताया कि ऋषिकेश में भी आरपीएफ की टीम ने उनसे फीड बैक लिया था और हरिद्वार स्टेशन पर भी उनसे जानकारी ली गई। उन्हें महिला हेल्प लाइन नंबर के बारे में भी बताया गया। इसी तरह सरिता देवी ने बताया कि वह अकेली हनुमानगढ़ जा रही हैं, उनको आरपीएफ की टीम ने कोई भी परेशानी होने पर हेल्प लाइन नंबर पर फोन करने की बात कही।
इस तरह की मिलती है जानकारी
– तबीयत खराब होने पर
– घर के लोगों से संपर्क नहीं होने पर
– गलत गाड़ी में बैठने पर
– ट्रेन में सामान खो जाने पर
प्रतिदिन करीब 45 से 50 महिलाओं का विवरण (नाम, ट्रेन नंबर, पीएनआर, कोच व बर्थ नंबर) नोट किया जाता है। ताकि समस्या होने या शिकायत मिलने पर अगले ठहराव पर समाधान कराया जा सके।
-डीएस चौहान, प्रभारी आरपीएफ हरिद्वार।