बाराबंकी। तहसील परिसर में किसी काम से गये अधिवक्ता और लेखपाल के सहयोगी का विवाद राजस्व और जिला बार एसोसिएशन के बीच आन-बान का प्रश्न बन गया। जिसके बाद लेखपाल पर लाइसेंसी रिवॉल्वर से धमकाते हुए साथी से अधिवक्ता के साथ हुई अभद्रता के विरुद्ध सड़क जाम करने के बाद एफआइआर दर्ज करायी। वही राजस्व विभाग ने अधिवक्ताओ पर भी गंभीर आरोप लगाये। जिसके बाद तहसील परिसर में डीएम-एसपी की मौजूदगी में पुलिस बल तैनात है।
तहसील में काम कराने गये अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार का शनिवार दोपहर लेखपाल चन्द्र सेन कन्नौजिया के सहयोगी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। यह विवाद बढ़ जाने के बाद बार एसोसिएशन के सड़क पर उतरे सैकड़ो अधिवक्ताओ ने लेखपाल पर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से वकील धर्मेंद्र को दिखाते हुए जान से मारने का प्रयास किये जाने के गंभीर आरोप लगाकर चक्काजाम कर दिया।
जिसके बाद लेखपाल और उसके सहयोगी के विरुद्ध अधिवक्ताओ ने जान से मारने की नीयत का कई धाराओं में नगर कोतवाली में प्रथम सूचना दर्ज करायी। वकीलों और राजस्व कर्मियों के बीच चले संघर्ष में तहसील परिसर में हुई तोड़फोड़ और मारपीट की घटना के बीच घंटो तक लखनऊ-अयोध्या मार्ग बाधित रहा। जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह तथा पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने तत्काल प्रभाव से कई थानो की पुलिस तैनात करके शांति व्यवस्था को कायम किया गया।
कई राजस्व कर्मी हुए घायल
अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार ने लेखपाल चन्द्रसेन कन्नौजिया पर विवाद में लाइसेंसी असलहा का इस्तेमाल किये का आरोप लगायें जाने के बाद हुए झगड़े में लेखपाल सतीश कुमार, राकेश यादव व राजेश तिवारी घायल हुए। सतीश को सिर में लगी चोट के चलते भर्ती कराया गया।
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घायलकर्मी ने पुलिस में की शिकायत
अधिवक्ता पर अपने 8-10 साथियों के साथ हमला करने की राजस्वकर्मी दीपक कुमार ने नगर कोतवाली में शिकायत की है। अनुराग शुक्ला व अन्य को आरोपी बताते हुए मारपीट की गंभीर धाराओं में प्रथम सूचना कोतवाली नगर में दर्ज की गयी।
डीएम ने एसपी के साथ जारी किया बयान
तहसील में कार्य के समय स्टॉफ ने जिन लोगो ने मारपीट और तोड़फोड़ की है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स के साथ उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान कई थानो की पुलिस को किसी भी प्रकार के दंगे से निपटने के लिये तैयार रहने के आदेश दिये हुए थे। डीएम ने तहसील में तोड़फोड़ करने वाले सभी लोगो पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।
सरकारी कर्मचारी के लाइसेंसी असलहे पर उठाये सवाल
मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेंद्र वर्मा का कहना है कि जिस प्रकार न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओ का लाइसेंसी असलहा रखना प्रतिबंधित है। उसी तरह तहसील के सरकारी कर्मचारियों पर भी प्रतिबन्ध लगना चाहिये।