वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। समय रहते अगर आपने ITR फाइल कर दिया तो न केवल पेनल्टी से बचेंगे, बल्कि इसके और भी कई फायदे आपको मिलेंगे। सीए अजय बगड़िया आपको समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करन के फायदे बता रहे हैं।
ITR फाइल करने देरी के कारण करदाता को जुर्माना तो भरना ही पड़ता है साथ ही कई तरह की इनकम टैक्स छूट भी आपको नहीं मिलती हैं। इससे आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट भी आपको नहीं मिलेंगी।
इसके अलावा देरी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कारण करदाता को आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा।
तय तारीख के अंदर ITR दाखिल नहीं करने पर आपको 10 हजार रुपए तक का भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
अगर आप तय समय पर ITR दाखिल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग से आपको नोटिस मिल सकता है। नोटिस से बचने के लिए समय पर ITR जमा करना फायदेमंद है।
आयकर के नियमों के मुताबिक यदि किसी टैक्सपेयर ने एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या अपनी देनदारी के 90% से कम चुकाया है तो उसे सेक्शन 234बी के तहत 1 फीसदी प्रति माह का ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकाना होगा। अगर समय रहते रिटर्न दाखिल करते हैं तो देय आयकर पर लगने वाले ब्याज की बचत कर सकते हैं।
निर्धारित तारीख से पहले ITR दाखिल करने पर आप अपने नुकसान को आगे के वित्त वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड कर सकते हैं। यानी अगले वित्त वर्षों में आप अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रविवार तक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए तीन करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके थे। प्रतिदिन दाखिल किए जाने वाले आयकर रिटर्न की संख्या चार लाख से अधिक हो गई है और 31 दिसंबर की विस्तारित तारीख नजदीक आने के साथ इसमें और तेजी आ रही है।
बयान के मुताबिक, आकलन वर्ष 2021-22 के लिए दाखिल रिटर्न का आंकड़ा 3.03 करोड़ पर पहुंच गया है। इसमें 58.98 प्रतिशत आईटीआर 1 (1.78 करोड़), आठ प्रतिशत आईटीआर 2 (24.42 लाख), 8.7 प्रतिशत आईटीआर 3 (26.58 लाख) हैं।) और 23.12 प्रतिशत आईटीआर 4 (70.07 लाख) हैं।
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इसके अलावा 2.14 लाख आईटीआर 5 , 91 हजार आईटीआर 6 और 15 हजार आईटीआर 7 दाखिल किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि आधार ओटीपी और अन्य तरीकों के जरिये ई-सत्पापन की प्रक्रिया आईटीआर की जांच और रिफंड की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
मंत्रालय ने अभी तक आईटीआर दाखिल नहीं करने वाले करदाताओं से अपना रिटर्न जल्द से जल्द दाखिल करने को भी कहा है। विभाग ई-मेल एवं एसएमएस भेजने के अलावा मीडिया अभियानों के माध्यम से करदाताओं को अपना आयकर रिटर्न समय पर दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
विभाग ने अभी तक आकलन वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले करदाताओं से अनुरोध किया है कि वे अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए जल्द से जल्द अपना आईटीआर दाखिल करें। वित्त मंत्रालय ने कहा, ”आयकर विभाग सभी करदाताओं से आग्रह करता है कि वे अपने फॉर्म 26 एएस और वार्षिक सूचना ब्योरे (एआईएस) को ई-रिटर्न दाखिल करने के पोर्टल के जरिये देखें, जिससे उन्हें पता चल सकेगा कि स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और कर भुगतान सही है या नहीं।”