मराठी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर लेखक और फिल्म निर्देशक आशीष उबाले (Ashish Ubale) ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। उनका शव नागपुर के रामकृष्ण मठ के एक गेस्ट रूम में मिला। सूत्रों से मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आशीष ने आत्महत्या करने से पहले खुद को व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा था, जिसमें उन्होंने भारी कर्ज के चलते अपनी जान लेने की बात कही थी। उनकी मौत की खबर से पूरे सिने जगत में शोक की लहर है।
जानकारी के मुताबिक, आशीष उबाले (Ashish Ubale) अपने छोटे भाई सारंग उबाले से मिलने नागपुर गए थे। सारंग रामकृष्ण मठ में सेवादार के तौर पर काम करते हैं। आशीष मठ के गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे और उन्होंने दोपहर में मठ में भोजन भी किया था। पुलिस के अनुसार, दोपहर में आराम करने की बात कहकर वो कमरे में गए और वहीं उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
शाम को जब उनके भाई सारंग उन्हें उठाने गए, तब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। कमरे का दरवाजा तोड़ने के बाद सारंग जब उनके कमरे में गए, तब वे फांसी के फंदे से लटके हुए दिखे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि आशीष उबाले ने खुद के व्हाट्सएप पर एक नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने कर्ज में डूबे होने के कारण अपनी जिंदगी खत्म करने की बात लिखी।
लंबा और सफल करियर
आशीष उबाले (Ashish Ubale) ने मराठी टेलीविजन और फिल्म इंडस्ट्री में एक लंबा और सफल करियर जिया है। उन्होंने कई लोकप्रिय मराठी धारावाहिकों जैसे ‘अग्नी’, ‘एका श्वासावे अंतर’, ‘गजरा’ और ‘चक्रव्यूह’ का निर्देशन किया था। इसके अलावा, उन्होंने ‘गार्गी’ फिल्म का निर्देशन और निर्माण भी किया था।
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‘प्रेमासाठी वाट्टेल ते’ और ‘बाबुरावला पकडा’ जैसी फिल्मों का भी उन्होंने निर्देशन किया था। उनकी फिल्म ‘गार्गी’ को 2009 में नागपुर में आयोजित कार्लस्बर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था।