एटीएस ने जिन संदिग्ध आतंकियों को कानपुर से उठाया है उसमें एक बिल्डर और हिस्ट्रीशीटर भी शामिल है। इन दोनों का सीधा कनेक्शन लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों से मिला है। बिल्डर बड़े पैमाने पर फंडिंग कर रहा था और हिस्ट्रीशीटर की जिम्मेदारी असलहे मुहैया कराने की थी।
ये दोनों नई सड़क के रहने वाले हैं। जांच एजेंसी इनसे पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है। इन दोनों के अलावा भी चार से पांच लोग उठाए गए हैं। सभी की भूमिका तलाशी जा रही है। जल्द बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
एटीएस ने रविवार को लखनऊ में अलकायदा समर्थित संगठन के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। जिनसे पूछताछ में कानपुर के कई नामों का खुलासा हुआ था। ये लोग भी उनके साथ देश विरोधी गतिविधियों की साजिश में लगे हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक नई सड़क निवासी बिल्डर काफी समय से आतंकियों के संपर्क में था। साजिश को अंजाम देने के लिए फंडिंग करना उसकी जिम्मेदारी थी। इसलिए एटीएस ने उसको उठाया है। वहीं हिस्ट्रीशीटर असलहे और कारतूस की उपलब्धता करवा रहा था।
यहां से काफी असलहा लखनऊ पहुंचाया। इसके अलावा जाजमऊ से एक शख्स समेत पांच अन्य लोग भी उठाए गए हैं। किसकी क्या भूमिका है। ये एटीएस पता कर रही है। साक्ष्य व जानकारी जुटाने के बाद जांच एजेंसी इसमें कार्रवाई करेगी।
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संदिग्ध आतंकी बिल्डर राजनीतिक दल से भी जुड़ा रहा है। सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन में बिल्डर व उसकी पत्नी शामिल रही थी। इन पर केस भी दर्ज हुआ था। अब आशंका ये भी कि उन प्रदर्शन में भी फंडिंग की थी क्या।
अगर ऐसा हुआ तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में प्रदर्शन के नाम पर हुए बवाल में कहीं न कहीं इसकी भी भूमिका थी। सूत्रों के अनुसार बिल्डर से सख्ती से पूछताछ जारी है। लखनऊ एटीएस की टीम उससे पूछताछ कर रही है।
बिल्डर समेत अन्य संदिग्धों के बैंक खाते भी जांच एजेंसी खंगाल रही है। पता किया जा रहा है कि खातों से कितना लेनदेन हुआ और ये कहां से कहां हुआ। सूत्रों के मुताबिक बिल्डर के खाते में बड़े लेनदेन का रिकॉर्ड मिला है। लाखों रुपये एक-एक महीने में इधर से उधर किए गए। इनका इस्तेमाल कहां किया गया।
सिम बेचने वाले उठाए गए
सूत्रों के मुताबिक रहमानी मार्केट से दो युवकों को भी उठाया गया है। जानकारी मिली है कि इन दोनों ने आतंकियों को प्रीएक्टिवेटेड सिम बेचे थे। इनसे भी पूछताछ जारी है। पता किया जा रहा है कि इन दोनों की भूमिका केवल सिम बेचने तक है या फिर आतंकी साजिशों में भी कोई रोल है। मालूम हो कि 2017 में आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़ा आतंकी अजगर रहमानी मार्केट से ही पकड़ा गया था।