उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद में समाजवादी पार्टी के दो पूर्व मंत्रियों समेत 40 लोगों पर वैश्विक महामारी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद और इनके साथ रहे राज्य मंत्री हेमराज वर्मा और अन्य लोगों के खिलाफ बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन करने का आरोप है।
बता दें कि 7 नवंबर की सुबह गन्ने के खेत में एक 6 वर्षीय मासूम बच्ची शव मिला था। बाद में मालूम हुआ कि उसकी रेप के बाद गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के दो पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधायक समेत 40-50 लोग घटनास्थल पर जाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और बच्चे के परिवार वालों को 25 लाख का मुआवजा और अपराधी की जल्द गिरफ़्तारी की मांग करने लगे।
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6 नवंबर की रात बच्ची अपने गांव से मां-पापा के साथ गोमती उद्यम जाती है, जहां पर रामायण पाठ हो रहा था. शाम 5:00 बच्ची पहुंचती है उसके बाद वहां पर खेलती है और रात में वह गायब हो जाती है। घरवाले ढूंढते हैं और फिर पुलिस के पास भी जाते हैं। बच्ची को ढूंढने पर भी नहीं मिलती है। सुबह उसकी गन्ने के खेत में डेड बॉडी मिलती है, जो देखने से रेप के बाद की गई हत्या लग रही थी।
इस घटना के बाद पुलिस कप्तान जयप्रकाश खुद धरना स्थल पर पहुंचे पुलिस की टीम को लगाकर घटना का अनावरण करने का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक लाभ के लिए धरने पर बैठे सपा नेताओं ने उनकी एक नहीं सुनी। जिसके बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी के दो पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायक समेत 40 लोगों पर वैश्विक महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।