उत्तर प्रदेश के वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से बेचने-खरीदने और ट्रांसफर करने की जांच शुरू हो गई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज्वी समेत अन्य के दो मामला दर्ज किया है। राज्य सरकार ने पिछले साल ही सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिसका डीओपीटी ने 18 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी किया।
बताया जा रहा है कि मौलाना कल्बे जवाद की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का नतीजा सामने आया है। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज्वी के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। वक्फ बोर्ड के दो अलग-अलग प्रकरण में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है।
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इलाहाबाद के शहर कोतवाली और लखनऊ के हजरतगंज थाने में वसीम रिज्वी के खिलाफ दर्ज मामलों की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति 2019 में की थी। वसीम रिज्वी पर वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते शिया वक्फ बोर्ड में जमीन घोटाले का आरोप है। सीबीआई ने दोनों मामलों की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि पिछली सरकारों में हजारों करोड़ की वक्फ संपत्ति बेची और बर्बाद की गई है। दोषियों को जेल भेजने से लेकर, पीड़ितों के साथ न्याय कराने का काम योगी सरकार करेगी। ये कार्रवाई भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास की नीति के तहत हुई हुई है।
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मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि सपा- बसपा की पिछली सरकारों ने वरिष्ठ धर्मगुरुओं, समाजसेवी और पीड़ितों की मांग नहीं सुनी थी। वक़्फ़ संपत्तियां जमकर बर्बाद होने दी थी। अब योगी सरकार न्याय कर रही है।