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मुश्किलों में घिरे राम गोपाल वर्मा, CM की मॉर्फ्ड फोटो पोस्ट करने के मामले में FIR दर्ज

Ram Gopal Varma

Ram Gopal Varma

‘सत्या’, ‘रंगीला’ और ‘कंपनी’ जैसी यादगार फिल्में बना चुके फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) आजकल अपनी फिल्मों के लिए कम और विवादों के लिए चर्चा में ज्यादा रहते हैं। अब राम गोपाल एक बार विवादों में आ गए हैं। आंध्र प्रदेश पुलिस ने उनपर, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक कंटेंट सर्कुलेट करने के लिए केस दर्ज किया है।

राम गोपाल वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे नारा लोकेश समेत टीडीपी नेताओं और जनसेना पार्टी के चीफ, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की मॉर्फ्ड फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर कीं।

आंध्र प्रदेश में रामगोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) के खिलाफ केस

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीडीपी लीडर रामलिंगम ने प्रकाशम जिले के मद्दिपडु पुलिस स्टेशन में राम गोपाल वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उनका आरोप है कि फिल्ममेकर ने सीएम नायडू, उनके बेटे लोकेश और बहू ब्राह्मिनी समेत परिवार को टारगेट करते हुए अपमानजनक कंटेंट सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया।

अपनी शिकायत में रामलिंगम ने आरोप लगाया कि वर्मा की सोशल मीडिया पोस्ट्स मुख्यमंत्री, उनके डिप्टी और परिवार को समाज में नीचा दिखाती हैं। रविवार रात को वर्मा के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपमानजनक कंटेंट पोस्ट अपलोड करने की शिकायत दर्ज की गई।

प्रकाशम के पुलिस एसपी एआर दामोदर के अनुसार ये केस आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया, ‘हमने मौजूदा मुख्यमंत्री, उनके परिवार के सदस्यों और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ ऑफेंसिव तरीके से तस्वीरें मॉर्फ करने के लिए, मद्दिपडु पुलिस स्टेशन में राम गोपाल वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया है।’

नायडू पर विवादित फिल्म भी बना चुके हैं रामगोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) 

राम गोपाल वर्मा, YSR कांग्रेस पार्टी से करीबी रखने के लिए जाने जाते हैं और वो लंबे समय से चंद्रबाबू नायडू की खुलकर आलोचना करते रहे हैं। उनकी फिल्म ‘Lakshmi’s NTR’ (लक्ष्मी के एनटीआर), टीडीपी के फाउंडर और पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामा राव के जीवन पर आधारित थी। इस फिल्म का फोकस लक्ष्मी पार्वती से एनटीआर के रोमांस और शादी की कहानी पर था।

फिल्म में एनटीआर के राजनीतिक पतन में चंद्रबाबू की भूमिका को आलोचना की नजर से दिखाया गया था। कहानी में 1995 की उन घटनाओं को हाईलाइट किया गया था जब एनटीआर के दामाद चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी के अंदर गुटबंदी करके, एनटीआर को ही पार्टी से बाहर निकलवा दिया था और खुद मुख्यमंत्री बन गए थे।

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