भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ( Lakshya Sen) मुश्किलों में फंस गए हैं। 21 वर्षीय लक्ष्य के खिलाफ उम्र संबंधित धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कराया गया है। बेंगलुरू में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि लक्ष्य सेन ने अपने भाई चिराग सेन के साथ मिलकर कम आयु वर्ग के टूर्नामेंट में खेलने के लिए उम्र में हेराफेरी की थी। एफआईआर में लक्ष्य के पिता धीरेंद्र सेन, भाई चिराग सेन, मां निर्मला और विमल कुमार का भी नाम है। विमल कुमार पिछले 10 से अधिक वर्षों से लक्ष्य और चिराग को कोचिंग दे रहे हैं।
लक्ष्य ( Lakshya Sen) के खिलाफ लगे ये आरोप
लक्ष्य सेन ( Lakshya Sen) पर भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी (धारा 420), जालसाजी (468), जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में उपयोग करने (471) जैसे आरोप लगाए गए हैं। शिकायत के मुताबिक लक्ष्य की उम्र 24 साल है जो भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) में दर्ज उनकी जन्मतिथि (16 अगस्त 2001) से तीन साल अधिक है। बड़े भाई चिराग को कथित तौर पर 26 साल का बताया जाता है, जबकि बीएआई के पहचान पत्र के मुताबिक उनकी उम्र 24 साल (22 जुलाई, 1998) है।
उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले सेन ब्रदर्स बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में विमल कुमार से प्रशिक्षण लेते हैं, जबकि शिकायतकर्ता इसी महानगर में एक और अकादमी चलाता है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विमल ने 2010 में जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए लक्ष्य के माता-पिता के साथ सांठगांठ की।
हाल ही में लक्ष्य ( Lakshya Sen) को मिला हैे अर्जुन अवॉर्ड
शिकायतकर्ता के मुताबिक लक्ष्य सेन ने कम आयु वर्ग के कई टूर्नामेंट में भाग लेकर कई युवा प्रतिभाशाली शटलरों का भविष्य खराब कर दिया। शिकायतकर्ता ने पांचों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।इस मामले पर अभी लक्ष्य और उसके परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अगर लक्ष्य के खिलाफ अगर ये आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो हाल ही में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित इस खिलाड़ी को अपने कई रिकॉर्ड को छोड़ना पड़ सकता है।
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विश्व रैंकिंग में फिलहाल छठे स्थान पर काबिज लक्ष्य को बुधवार को राष्ट्रपति भवन में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 2021 में हमवतन किदांबी श्रीकांत से हारने के बाद विश्व चैंपियनशिप का कांस्य जीता। वह इस साल ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में उपविजेता भी रहे। इसके साथ ही उन्होंने साल की शुरुआत में भारत की ऐतिहासिक थॉमस कप जीत में अहम भूमिका निभाई।