आगरा। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर विनय पाठक (VC Vinay Pathak) पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। एक निजी कंपनी के निदेशक ने लखनऊ के इंदिरानगर थाने में शनिवार को प्रोफेसर विनय पाठक समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। आरोप है कि डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के कुलपति रहने के दौरान प्रो विनय पाठक ने बिलों के भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लिया। जिसके बाद इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई है। एसटीएफ ने इस मामले में एक निजी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दरअसल, कई यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी डेविड मारियो डेविस ने इंदिरानगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी प्रोफेसर विनय पाठक (VC Vinay Pathak) ने बकाया भुगतान के लिए 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की। कमीशन न देने पर अनुबंध समाप्त करने की धमकी भी दी। डेविड का आरोप है कि कुलपति ने खुर्रमनगर निवासी एक्सेल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के माध्यम से कमीशन ली। डेविड का कहना है कि उन्होंने अजय मिश्रा को अब तक 1.41 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है।
यह पूरा मामला इसी 9 महीने में अतिरिक्त कुलपति का चार्ज रहने के दौरान का है। 1 अक्टूबर को प्रोफेसर आशु रानी को आगरा की अंबेडकर यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। आगरा विश्वविद्यालय में बीएमएस की परीक्षा कॉपी लिखने में गड़बड़ी के मामले की यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट पहले ही जांच कर रही थी।
कोहली की प्राइवेसी में ‘घुसपैठ, होटल के कमरे का वीडियो लीक
जांच के दौरान कमीशन का यह मामला सामने आया इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई तो अब इस हाई प्रोफाइल केस की जांच एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश की निगरानी में यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी अवनीश्वर श्रीवास्तव को सौंपी गई है। यूपी एसटीएफ ने फिलहाल अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है।
एफआईआर में नामजद कानपुर की छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक से भी यूपी एसटीएफ जल्द पूछताछ करेगी। इतना ही नहीं, कमीशन का यह मामला खुलने के बाद लखनऊ की एकेटीयू यूनिवर्सिटी में भी विनय पाठक की तैनाती के दौरान कमीशन की शिकायतें यूपी एसटीएफ के पास पहुंची हैं।