कानपुर से गोण्डा जा रहे पेट्रोलियम पदार्थ की चलती टैंकर गाड़ी में रविवार को उस वक्त बड़ा खतरा बन गया जब दो टैंकर में आग की लपटें उठने लगी। आग देख गेटमैन की सूचना पर रेलवे के अफसर सहित पुलिस पहुंच गई और लखनऊ फाटक के पास गाड़ी को रोक दिया गया। पुलिस ने रेलवे कर्मियों के साथ मिलकर एक घंटे की जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू आपरेशन कर आग पर काबू पाया। आग लगने का कारण पंतग में लगा तार का मांझा बताया जा रहा है।
दरअसल, मथुरा रिफायनरी से भारत पेट्रोलियम की डीजल टैंकर कैप्सूल गाड़ी गोण्डा जाने के लिए निकली थी। रविवार की शाम टैंकर ट्रेन कानपुर के अनवरगंज स्टेशन से गोण्डा के लिए रवाना हुई। ट्रेन सेन्ट्रल स्टेशन से लखनऊ रेल रूट से आगे बड़ी तभी गेटमैन विजय ने चलती ट्रेन के दो डीजल टैंकरों से आग की लपटे उठते देखी। डीजल टैंकरों में आग देख उसके होश उड़ गए और आनन-फानन उसने रेलवे अफसरों को मामले से अवगत कराया। इधर चालक ने गाड़ी लखनऊ फाटक पर रोक दी।
सूचना पर पहुंचे रेलवे अफसरों के साथ एडीसीपी पूर्वी
डीजल टैंकर में आग की सूचना मिलते ही उप मुख्य यातायात प्रबंधक हिमांशु शेखर उपाध्याय, वाणिज्य अधिकारी संतोष त्रिपाठी व अन्य रेलवे स्टाफ मौके पर पहुंच गए। इस बीच टैंकर में आग की जानकारी मिलते ही कैंट थाने की पुलिस के साथ एडीसीपी पूर्वी सौमेन्द्र मीणा भी पहुंच गए। वहीं दमकल को भी सूचना दे दी गई। बिना समय गवांए रेलवे अफसरों अफसरों के साथ पुलिस ने आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया।
जान जोखिम में डालकर शुरु किया रेस्क्यू
डीजल के तीन व 11 नम्बर टैंकरों पर लगे ढक्कनों से आग की लपटें लगातार निकल रही थी। आग से बड़ा हादसा होने की आशंका को देखते हुए बिना समय गवांए रेलवे कर्मचारियों व स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू शुरु किया। सीढ़ी लगाकर रेलवे कर्मी व पुलिस कर्मी ने जान जोखिम में डालकर टैंकर के ऊपर चढ़ गए और पानी वाली बोरी को डालकर आग बुझाने का प्रयास करने लगे।
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ओएचई लाइन की चपेट में आने से बच गए दरोगा
आग की लपटें लगातार टैंकर पर लगे टक्कन से निकल रही थी। लोगों की सांसें यह देखकर ऊपर-नीचे हो रही थी। इस बीच एक बार एक दरोगा आग बुझाने के लिए टैंकर पर खड़ा होने लगे तभी रेलवे कर्मी ने उन्हें ओएचई लाइन की चपेट में आने से बचा लिया। इसके बाद ओएचई लाइन को तुरंत बंद कराया गया। पुलिस ने लोको पायलट व स्थानीय लोगों से पानी की रबड़ लगाकर टैंकर पर लगी आग को बुझाने का प्रयास करने लगे। इस बीच दमकल कर्मी सुरेन्द्र चौबे भी दो दमकल गाड़ियां लेकर मौके पर पहुंच गए और डीजल टैंकर में लगी आग को समय रहते बुझा लिया गया। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
पतंग में लगे तार से लगी आग
गेटमैन विजय व क्षेत्रीय नागरिकों की माने तो कुछ लोग पतंग उड़ाने में मांझे की जगह लोहे का तार लगाते हैं। पतंगबाजी के दौरान एक पतंग कट गई और डीजल टैंकर से खींचते समय रगड़ लगने से उसमें आग लग गई। इस मांझे को चाइनीज मांझा भी बोला जाता है। हालांकि मामले में आग लगने के कारणों की जांच के लिए रेलवे अफसरों ने एक टीम गठित की है।
अफसरों का कहना
मामले में एडीसीपी पूर्वी सौमेन्द्र मीणा ने बताया कि डीजल टैंकर में दो जगहों पर आग लगी थी। आग को समय रहते बुझा लिया गया है। इससे एक बड़ा हादसा टल गया। वहीं, उप मुख्य यातायात प्रबंधक हिमांशु शेखर उपाध्याय व वाणिज्य अधिकारी संतोष त्रिपाठी ने बताया कि मथुरा से एक डीजल पदार्थ लेकर टैंकर गाड़ी गोण्डा जा रही थी। कानपुर से होते हुए जब गाड़ी आगे रवाना हुई तभी तीसरे व 11वें टैंकर में आग लगी थी। आग करीब 6:18 बजे लगी और रेस्क्यू कर उसे बुझा लिया गया। इसके बाद 7:12 बजे टैंकर गाड़ी को गतंव्य के लिए रवाना कर दिया गया। इस दौरान लखनऊ रुट पर करीब एक घंटे यातायात बाधित रहा है।