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यूपी की राजधानी लखनऊ सहित इन 13 शहरों में इस दीपावली पर पटाखा बैन

दिल्ली में सरकार ने बैन किया The government banned firecrackers in Delhi पटाखा

दिल्ली में सरकार ने बैन किया पटाखा

लखनऊ। बढ़ते प्रदूषण को देेखते हुए ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने बड़ा निर्देश जारी किया है। इसके बाद यूपी की राजधानी लखनऊ समेत 13 शहरों में इस बार पटाखे नहीं जलेंगे। इन शहरों में मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत और बुलंदशहर शामिल हैं।

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने  दुकानें बंद कराने का निर्देश जारी किया 

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने शहर के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि शहर में पटाखे की सभी दुकानें बंद कराई जाएं। जो लोग नहीं मानते हैं, उनके पटाखों को जब्त किया जाए। दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) और मुख्य सचिव के आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर ने ये निर्देश जारी किए हैं।

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डिजिटल व लेजर की नई तकनीक को दें बढ़ावा : अपर मुख्य सचिव

प्रदेश सरकार द्वारा आतिशबाजी (फायर क्रेकर्स) की बिक्री और प्रयोग पर एनजीटी द्वारा दिए गए आदेश का तत्काल पालन करने और दीपावली को मनाने के लिए डिजिटल व लेजर आदि की नई तकनीक का प्रयोग किए जाने को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश जारी किए हैं।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेश के सभी मण्डलायुक्त, पुलिस आयुक्त लखनऊ एवं गौतमबुद्धनगर, पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस उप महानिरीक्षक परिक्षेत्र, जिला मजिस्ट्रेट, जनपदीय पुलिस उपमहानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी करते हुये एनजीटी के आदेश का अनुपालन किये जाने के निर्देश दिए हैं।

शासनादेश के अनुसार न्यायालय द्वारा प्रदेश के जिन जनपदों के एयर क्वालिटी इन्डेक्स (एक्यूआई) का उल्लेख किया गया है, उनमें क्रमशः मुजफ्फरनगर (खराब), आगरा, वाराणसी, मेरठ व हापुड़ (बहुत खराब) तथा गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा व ग्रेटर नोएडा, बागपत तथा बुलन्दशहर को (गंभीर) का नाम है। इन स्थानों पर एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए दीपावली को मनाने के लिए डिजिटल व लेजर आदि की नई तकनीक का प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

शासन द्वारा जारी निदेर्शों में यह भी कहा गया है कि जिन जनपदों में एक्यूआई मॉडरेट या उससे बेहतर है, वहां केवल ग्रीन क्रेकर्स बेचे जाएं। एनजीटी के वर्तमान और पूर्व के निर्देशों का पालन करते हुए इनको बेंचा व प्रयोग किया जाएगा। इन जनपदों में दीपावली को मनाने के लिए ग्रीन क्रैकर व डिजिटल व लेजर आदि की नई तकनीकी के प्रयोग को आम जन में प्रोत्साहित किया जाये।

जानिए एनजीटी ने अपने आदेश में क्या कहा है?

एनजीटी के आदेश के अनुपालन में कोई पटाखा फोड़ने की अनुमति नहीं होगी। सभी पुलिस स्टेशनों को आदेश के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है।

एनजीटी का यह आदेश चार राज्‍यों में फैले दो दर्जन से भी ज्‍यादा जिलों पर लागू होगा जो एनसीआर का हिस्‍सा हैं। एनसीआर में यूपी के 8 जिले आते हैं। एनजीटी के आदेश के मुताबिक यूपी के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली में पटाखों पर बैन रहेगा।

एनजीटी का यह आदेश राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिले में सीधे-सीधे लागू होगा, क्योंकि ये दोनों एनसीआर के दायरे में आते हैं। यहां भी 30 नंवबर तक आतिशबाजी और पटाखे जलाने पर बैन रहेगा।

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एनजीटी ने डेटा पॉइंट नवंबर 2019 रखा है. ऐसे में पिछले साल AQI का डेटा देखने के बाद ही तय होगा कि बाकी राज्यों में कहां-कहां पटाखों पर प्रतिबंध है? एनजीटी ने यह भी कहा है जिन राज्‍यों ने बैन लगा रखा है, वह जारी रहेगा।

एनजीटी ने वर्तमान में जिन शहरों व कस्‍बों की एयर क्‍वालिटी ‘मॉडरेट’ या उससे बेहतर है, वहां केवल ग्रीन पटाखे जलाने की छूट दी है। यह छूट भी केवल दो घंटे के लिए मिलेगी। ये दो घंटे कौन से होंगे, यह राज्‍य सरकारें तय कर सकेंगी।

मॉडरेट एयर क्वालिटी वाले शहरों के लिए एनजीटी ने अपनी तरफ से भी टाइमिंग रखी है। ऐसे शहरों में दिवाली और गुरुपर्व पर रात 8 से 10 बजे तक, छठ पर सुबह 6 से 8 बजे तक और क्रिसमस, न्‍यू ईयर (अगर बैन जारी रहता है) पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे जलाए जा सकते हैं।

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एनजीटी ने बाकी जगहों के लिए प्रतिबंध व सीमाएं तय करने का फैसला वहां के अधिकारियों पर छोड़ा है। हालांकि एनजीटी का कहना है कि अगर पहले से ही इससे सख्‍त प्रावधान लागू हैं तो वे जारी रहेंगे।

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