नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन से मौत का पहला केस सामने आया है। जानकारी के अनुसार बुधवार को राजस्थान में ओमिक्रॉन से एक मरीज की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में ओमिक्रॉन के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 2,630 हुई। महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमिक्रॉन के सबसे ज़्यादा 797 और 465 मामले हैं। ओमिक्रॉन के 2,630 मरीज़ों में से 995 मरीज़ रिकवर हो गए हैं।
केंद्र ने इसे “बेतहाशा वृद्धि” बताया है जिसका प्रसार वायरस की दूसरी क्रूर लहर के दौरान दर्ज प्रसार से “कहीं ज्यादा” है। संक्रमण के प्रसार की गति को दर्शाने वाला पैमाना ‘आर नॉट वैल्यू’ अभी के मामलों में अधिक स्तर पर है। तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के बढ़ती महामारी से निपटने के लिए रात के कर्फ्यू को नए सिरे से लागू करने वाले राज्यों की बढ़ती सूची में शामिल होने के साथ ही केंद्र ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि (पिछले आठ दिनों में 6.3 गुना वृद्धि) शहरों में हो रही है और ओमिक्रॉन वैरिएंट इसका प्रमुख कारण है।
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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने बुधवार को जानकारी दी कि आर नॉट वैल्यू’ 2.69 है। यह 1.69 के उस आंकड़े से अधिक है जो हमने महामारी की दूसरी लहर के चरम पर देखी थी। मामलों का प्रसार पहले से कहीं अधिक तेज है।
ओमिक्रॉन से पहली मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ओमिक्रॉन से मौत के संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में 73 वर्षीय व्यक्ति जिसकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई, उसके नमूने में ओमिक्रॉन वैरिएंट नजर आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में मौत का मामला “तकनीकी रूप से” कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन से संबंधित है। ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी।
राजस्थान के उदयपुर में 73 वर्षीय व्यक्ति जिसकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं एवं प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज अन्य रोगों के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था।