देहरादून। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा (Uttarakhand Legislative Assembly) का तीन दिवसीय प्रथम सत्र मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है। राज्यपाल ने शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के सरकार के विजन की प्राथमिकताओं के तौर पर बताया। सत्र में सदन के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद हैं।
मंगलवार को सुबह 11 बजे से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) के अभिभाषण से पहले राष्ट्र गान से सत्र का शुभारंभ हुआ। उत्तराखंड का राज्यपाल बनने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) का यह पहला अभिभाषण है। उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष के रूप में ऋतू खंडूड़ी के नाम भी यह रिकॉर्ड जुड़ गया है।
राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष के विधायक अनुपमा रावत ने सत्र के दौरान महंगाई की बात उठाई। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य विकसित के लिए काम किया जा रहा है। कोरोनाकाल में परिवार को खोने वालों के लिए उन्होंने संवेदना व्यक्त की।
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राज्यपाल ने कहा कि महामारी में सरकार जनता के साथ खड़ी रही। जनता को सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में सरकार संकल्प के साथ कार्य करेगी। सरकार स्वास्थ्य को लेकर पर्वतीय और सुदूर क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार अभिनव प्रयोग कर रही है। राज्य में 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का ज़िक्र कर उनके सफल संचालन की सदन को जानकारी दी।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार, पलायन के साथ युवा से जुड़ें आदि सरकार की योजनाओं को गिनाया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देश में कई क्षेत्रों में टॉप पर आ गया है।
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दोपहर बाद तीन बजे से विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन होगा। शाम चार बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद अगले दिनों की कार्यसूची के लिए आज शाम को फिर से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी।
क्या है लेखानुदान-
सरकार सदन में लेखानुदान लाएगी। ये नए वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माह के लिए सरकार के खर्चों का लेखाजोखा होगा। बताया जा रहा है कि जुलाई में सरकार अपना पहला पूर्ण बजट विधानसभा में पेश कर सकती है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लेखानुदान राजस्व और खर्चों का लेखा जोखा मात्र होता है।
विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी जैसे विषयों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सरकार ने भी विपक्ष के हमलों का तथ्यों और तर्कों के साथ जवाब देने को अपने तरकश में तीर तैयार किए हैं।