नई दिल्ली| कोरोना वायरस महामारी ने घरेलू पर्यटन और यात्रा क्षेत्र की पूरी आपूर्ति श्रृंखला की कमर तोड़ कर रख दी है। भारतीय उद्योग परिसंघ और आतिथ्य परामर्श कंपनी होटेलिवाटे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस संकट से क्षेत्र को पांच लाख करोड़ यानी 65.57 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ संगठित पर्यटन क्षेत्र को ही इससे 25 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है। यह आंकड़े चेताने वाले हैं और उद्योग को अपना अस्तित्व बचाने के लिए तत्काल राहत की जरूरत है। भारतीय पर्यटन क्षेत्र के सामने यह सबसे बड़े संकटों में से एक है। इसने सभी श्रेणियों घरेलू, अंतरदेशीय और अंतरराष्ट्रीय के पर्यटन को प्रभावित किया है। लक्जरी, साहसिक, विरासत, क्रूज, कॉरपोरेट इत्यादि सभी तरह के पर्यटन पर असर पड़ा है।
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पहले अक्तूबर तक ही लॉकडाउन और उससे बाजार में आयी नरमी के असर रहने का अनुमान था। लेकिन अब आंकड़े कुछ और दर्शाते हैं। मौजूदा रुख के हिसाब से अगले साल की शुरुआत तक होटलों में लगभग 30 प्रतिशत ही कमरे भरना शुरू होंगे। इससे होटलों की आय में 80 से 85 प्रतिशत तक कमी आएगी।