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PM cares fund से लगेंगे पांच ऑक्सीजन प्लांट, AIIMS व RML लगेंगे संयंत्र

oxygen plant

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पीएम केयर्स फंड से सबसे पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जायेंगे। दोनों अस्पतालों के लिए संयंत्रों के उपकरण मंगलवार को राजधानी पहुंच गए हैं। इसके बाद सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एम्स, झज्जर (हरियाणा) में भी अन्य संयंत्र इसी सप्ताह स्थापित किए जाएंगे। यह संयंत्र लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में उड़ान के दौरान ऑक्सीजन पैदा करने के लिए विकसित की गयी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक पर बनाये गए हैं।

डीआरडीओ और उसके औद्योगिक भागीदारों की ओर से दिल्ली-एनसीआर में स्थापित किए जाने वाले पांच में से दो मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्रों के उपकरण मंगलवार को राजधानी पहुंच गए हैं। सबसे पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जायेंगे। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एम्स, झज्जर (हरियाणा) में इसी सप्ताह संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। यह संयंत्र लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में उड़ान के दौरान ऑक्सीजन पैदा करने के लिए विकसित की गयी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक पर आधारित हैं। यह पांचों प्लांट पीएम केयर्स फंड से तीन माह के भीतर देशभर में स्थापित होनेवाले 500 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का हिस्सा हैं जिसके बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) पीएम केयर्स फंड से तीन माह के भीतर देशभर में 500 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा। प्रधानमंत्री केयर्स फंड के तहत प्रति माह 125 संयंत्र के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में यह एमओपी तकनीक उपयोगी होगी। इस तकनीक से एक मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह प्रणाली प्रति मिनट 190 मरीजों की जरूरत पूरा कर सकती है और 195 सिलेंडर प्रति दिन चार्ज कर सकती है। डीआरडीओ ने मेसर्स टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, बेंगलुरु को 332 और मेसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को 48 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की आपूर्ति के आदेश दिए हैं।

कोयंबटूर स्थित ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने एम्स ट्रामा सेंटर और आरएमएल के लिए दो संयंत्रों के उपकरण मंगलवार को राजधानी पहुंचा दिए हैं। समय पर प्लांट स्थापित करने के लिए डिलीवरी शेड्यूल की बहुत बारीकी से निगरानी की जा रही है। ये संयंत्र ऑक्सीजन परिवहन के लॉजिस्टिक मुद्दों को दूर करेंगे और कोविड-19 रोगियों को आपातकाल में मदद करेंगे। कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में ऑक्सीजन एक बहुत महत्वपूर्ण क्लीनिकल गैस है। मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक 93±3 प्रतिशत सांद्रता के साथ ऑक्सीजन उत्पन्न करने में सक्षम है जिसकी सीधे अस्पताल के बेड पर आपूर्ति की जा सकती है या इसका उपयोग मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर भरने के लिए किया जा सकता है।

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यह वायुमंडलीय वायु से सीधे ऑक्सीजन उत्पन्न करने के लिए प्रेशर स्विंग ऐडसॉर्प्शन (पीएसए) तकनीक और मोलेकुलर सिएव (जोलाइट) तकनीक का उपयोग करता है। उत्तर-पूर्व और लद्दाख में सेना की कुछ साइटों पर एमओपी प्लांट पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। यह संयंत्र आईएसओ 1008, यूरोपीय, अमेरिका और भारतीय फार्माकोपिया जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 रोगियों के लिए बेहद जरूरी ऑक्सीजन उत्पन्न करने की खातिर एमओपी तकनीक का उपयोग करने के लिए डीआरडीओ की सराहना की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए डीआरडीओ की मदद का आश्वासन दिया है।

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