उत्तर प्रदेश के मेरठ में ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीज की मौत होने की खबर सामने आ रही है। यह मामला मेरठ के न्यूट्रिमा अस्पताल का है। परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन बाधित होने की वजह से मौतें हुई हैं। गुस्साए लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की।
अफरा-तफरी के बीच कई थानों की फ़ोर्स मौके पर पहुंची और हालात पर काबू का प्रयास किया। चार घंटे तक हंगामा होता रहा। पुलिस के सामने ही परिजन हंगामा करते रहे। आलम यह रहा कि सीएमओ को भी मौके पर पहुंचना पड़ा।
न्यूटीमा अस्पताल में कोविड और नॉन कोविड मरीज भर्ती हैं। रविवार दोपहर से शाम तक अस्पताल में पांच लोगों की मौत हो गई। अफरातफरी तब मच गई, जब आईसीयू में शाम को एकाएक तीन मरीज़ों की मौत हो गई। परिजनों का कहना था कि ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से मरीज तड़पने लगे और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसे लेकर अस्पताल में बखेड़ा हो गया। गुस्साए परिजन हंगामा करने लगे।
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एक साथ कई मौत की सूचना से अस्पताल प्रशासन भी सकते में आ गया। तीमारदारों ने स्टाफ से नाराजगी जतानी शुरू कर दी। मरीजों की मौत पर परिजनों में कोहराम मच गया। ऑक्सीजन खत्म होने का शोर मच गया। सूचना पाकर मेडिकल के अलावा नौचंदी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। देखते ही देखते लोगों का हुजूम लग गया।
अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू हो गई। कई थानों की फ़ोर्स मौजूद रही। बावजूद इसके लोगों ने तोड़फोड़ जारी रखी। कई और थानों की फ़ोर्स बुला ली गई। लोगों ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से हापुड़ निवासी पवन वर्मा (42), आरके पुरम निवासी अशोक गोयल (55) के अलावा मुरादाबाद निवासी एक महिला की मौत हुई है।
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न्यूटीमा अस्पताल के एमडी डॉ. संदीप गर्ग का कहना है कि पांच लोगों की मौत हुई है। उनके परिजन ऑक्सीजन के अभाव के कारण मौत होना बता रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। लोग अपनों को खोने का गम बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और बेकाबू हो जा रहे हैं।
उधर, सीएमओ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। अभी तक कि छानबीन करने पर ऐसा नहीं लग रहा है। हालांकि अभी क्लीन चिट नहीं दी है। गहन जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अस्पताल में ऑक्सीजन थी, बाधित हुई या नहीं हुई। यह जांच का विषय है।