कोरोना महामारी के बीच मरीजों के तीमारदारों को गंभीर कोरोना उपचार में उपयोगी इंजेक्शन रेमडेसिविर उपलब्ध कराने के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह के पांच और सदस्यों को आज अमीनाबाद पुलिस ने धर दबोचा। पकड़े गए लोगों के पास से बड़ी संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैपर (लेवल), खाली इंजेक्शन व पीआईपी टी 4 इंजेक्शन की शीशियां वह 80 हजार से अधिक की नगदी एवं एक बाइक बरामद हुई है।
पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के कुछ लोग और उनके साथी बड़े पैमाने पर नकली दवा व इंजेक्शन बेचकर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार राय, अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक राजदेव मिश्रा, उप निरीक्षक कर्ण प्रताप सिंह, सत्येंद्र प्रताप सिंह, सुधाकर पाण्डेय, कमल कुमार एवं आरक्षी मो. खलीक तथा राजकुमार ने मुसाहिबगंज-ठाकुरगंज के मनीष तिवारी एवं मोहित पांडेय, बालागंज-ठाकुरगंज के विकास कुमार दीक्षित, कैसरगंज-बहराइच के प्रवीण वर्मा एवं कांशीराम कालोनी-पारा के अब्दुल सुफियान को गिरफ्तार कर नकली लेवल लगाकर नकली इंजेक्शन तैयार किए जाने के मामले का भंडाफोड़ किया।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए लोगों के पास से पीआईपी टी-4 .5 जीएम आईएनजे के 240 पैकेट व रेमडेसिविर इंजेक्शन की 59 शीशी, 4,224 लेवल, एक स्पलेंडर बाइक तथा 81,840 रुपए बरामद हुए हैं। ये लोग 98 रुपए वाली पीआईपी टी-4.5 दवाई कई सौ रुपए में तथा एवं 4,800 मूल्य वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को 15 से 20 हजार रुपए में बेच रहे थे। पकड़े गए लोगों से व्यापक पूछताछ की जा रही है।
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लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने कोरोना महामारी के बीच जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर नकली दवा बेचकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले अपराधियों के खिलाफ आजकल अभियान छेड़ रखा है। गत दिनों भी पुलिस ने दो डाक्टरों, एक निजी अस्पताल के मालिक व तीन सरकारी अस्पताल कर्मियों सहित करीब 20 लोगों को गिरफ्तार कर बड़ी संख्या में नकली इंजेक्शन तथा अधिक मूल्य पर बेचें जा रहे असली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किए थे।