बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में पढ़ाई शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पांच छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह छात्र मेनगेट को बंदकर बैठे थे। बीएचयू खुलवाने की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों को पुलिस अपने साथ लेकर गई, जिसे लेकर बाकी छात्रों में रोष है।
दरअसल, बीएचयू में 22 फरवरी से अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। उसी दिन से प्रथम, द्वितीय वर्ष की कक्षाओं को चलाने की मांग को लेकर छात्र मेन गेट पर धरना दे रहे थे। गुरुवार को छात्रों ने अपने धरने को अनशन में तब्दील कर दिया था। छात्रों का कहना था कि मांगें पूरी न होने तक अनशन जारी रखेंगे।
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गुरुवार को ही एडीएम सिटी गुलाबचंद ने छात्रों को अनशन खत्म करने की चेतावनी दी थी। आज सुबह करीब छह बजे अनशन पर बैठे छात्रों को जोर-जबरदस्ती कर घसीटते हुए पुलिस ने अपने वाहन में बिठाया। पुलिस ने पांच छात्रों अनुपम कुमार, आशुतोष कुमार, सुमित, पवन और अविनाश को हिरासत में लिया है।
बताया जा रहा है कि बीएचयू के प्राक्टोरियल बोर्ड के डिप्टी चीफ प्राक्टर प्रोफेसर बीसी कापरी की मौजूदगी में एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस ने पांच छात्रों को हिरासत में लिया और मेनगोट को खुलवा दिया है। इस दौरान छात्रों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों पर कार्रवाई से बाकी छात्र नाराज हैं।
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इस मामले में बीएचयू के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी से निपटने के प्रयासों के मद्देनजर ही बीएचयू में आफलाइन कक्षाओं पर असर पड़ा है, 22 फरवरी से अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं चलाई जा रही हैं। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में 10-15 दिन के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी।