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‘ओरल चेकअप’ संबंधी पांच बातों का ध्यान रखना जरूरी

Regula rDental Visits

'ओरल चेकअप

लाइफस्टाइल डेस्क। देश और दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। दूसरी ओर राहत की बात ये है कि इसकी वैक्सीन और दवा को लेकर अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोगों से दांतों की रूटीन जांच फिलहाल नहीं कराने की अपील की है। संगठन का कहना है कि कोरोना संक्रमण के में दौर में दांतों की जांच कराने से संक्रमण का खतरा है। डब्ल्यूएचओ ने डेंटल क्लीनिक और ओरल हेल्थ एक्सपर्ट से कहा है कि वे यथासंभव मरीज को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देखें। अगर बहुत जरूरी हो, तभी क्लीनिक बुलाएं। इस दौरान पीपीई किट जरूर पहनें। आइए जानते हैं, इस बारे में जारी दिशानिर्देश में और क्या कुछ कहा गया है:

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, लोग अभी दांतों के रूटीन चेकअप से बचें। जबतक कोरोना संक्रमण के मामले कम नहीं जाते, इसपर नियंत्रण नहीं हो जाता, तबतक डेंटल चेकअप और ओरल ट्रीटमेंट कराने से बचें।

डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि महामारी काल में अपने दांतों की देखभाल खुद करें। बहुत ज्यादा जरूरी हो तो फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञ की सलाह लें। टेलीमेडिसिन का दौर है, टेलीकम्यूनिकेशन की मदद लें। ऐसा करने से काफी हद तक सामुदायिक प्रसार को रोका जा सकेगा।

डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि महामारी काल में अपने दांतों की देखभाल खुद करें। बहुत ज्यादा जरूरी हो तो फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञ की सलाह लें। टेलीमेडिसिन का दौर है, टेलीकम्यूनिकेशन की मदद लें। ऐसा करने से काफी हद तक सामुदायिक प्रसार को रोका जा सकेगा।

डेंटल क्लीनिक में खतरा क्यों?

दरअसल, दांतों की सफाई हो या अन्य ट्रीटमेंट, डेंटल एक्सपर्ट एयरोसोल जेनरेटिंग प्रोसिजर अपनाते हैं, इस दौरान वायरस के कण से संक्रमण फैल सकता है। अगर मुंह में किसी तरह का इन्फेक्शन है, सूजन है तो दवा से आराम हो सकता है। अगर नहीं हो पाए, तो इलाज की जरूरत है। बाकी रूटीन जांच टाल देना ही बेहतर है।

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