महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से हो रही तेज बारिश ने अब बाढ़ का रूप ले लिया है। महाराष्ट्र के कई गांव बाढ़ के पानी में समा चुके हैं। महाराष्ट्र में बाढ़, बारिश और भूस्खलन ने इस कदर तबाही मचाई है कि अब तक करीब 112 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 99 लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
राहत और पुनर्वास विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि भूस्खलन के कारण हुए हादसे में मलबे से लोगों को निकालने का काम लगातार जारी है। राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अब तक करीब 1 लाख 35 हजार लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है। राहत और बचाव कार्य से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ के चलते अब तक 3221 पशुओं की भी मौत हो चुकी है और 53 लोग घायल हुए हैं।
सांगली और रायगढ़ जैसे जिलों में बारिश और भूस्खलन के चलते भारी तबाही हुई है। सांगली के कई गांव पूरी तरह से बाढ़ में डूब चुके हैं। प्रशासन लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहा है और गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम जारी है।
रत्नागिरी के चिपलून और खेड़ कस्बा पूरी तरह से है जलमग्न
कोयना और कोलतेवाड़ी डैम से पानी छोड़ने के चलते रत्नागिरी के चिपलून और खेड़ कस्बा पूरी तरह जलमग्न हो गया है। सेलफोन नेटवर्क ठप है और कई इलाकों में अभी भी बिजली नहीं है। हालांकि जलस्तर कम होने लगा है। तलिये गांव में अब भी लोगों की तलाश जारी है। इस गांव में करीब 242 लोग रहते हैं। इसमें से आधी आबादी काम के लिए पलायन करती है।
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बाढ़ और बारिश को देखते हुए रायगढ़, कोंकण और सतारा में अगले कुछ दिनों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले दो दिनों तक इन इलाकों में तेज बारिश होगी। कोल्हापुर, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग को ऑरेंज अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि कोल्हापुर की पंचगंगा, रत्नागिरी की काजली और मुचकुंदी, कृष्ण नदी अब भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
मृतकों के परिजनों को 5 लाख मुआवजा देगी सरकार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हादसों में मारे गए परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार मृतकों के परिजन को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है।