जम्मू के बैष्णो देवी तथा शिरडी के साईं बाबा मंदिर के तर्ज पर पूजा के चढ़ाये गये फूल से अब गोरखपुर के गोरक्षपीठ मंदिर में भी अब अगरबत्ती बनने लगी है और इसका नाम आशीर्वाद रखा गया है। गोरक्षपीठ के महंत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां श्री गोरखनाथ आशीर्वाद अगरबत्ती का लोकार्पण किया ।
गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाए गए फूल अब रोजगार का जरिया बन गए हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाई जा रही है। इसके लिए घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर कुटीर उद्योग के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
लखनऊ के केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के तकनीकी सहयोग से महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक जंगल कौड़िया द्वारा निर्मित अगरबत्ती की ब्रांडिंग श्री गोरखनाथ आशीर्वाद नाम से की गई है। इसके उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की व्यवस्था गोरखनाथ मंदिर प्रशासन ही देखेगा ।
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लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने के इस प्रयास से वेस्ट को वेल्थ में बदलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना साकार हो रही है। इससे आस्था को सम्मान मिल रहा है। साथ ही यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा कदम है। भारतीय मनीषा में कहा गया है कि इस धरती पर कुछ भी अयोग्य नहीं है। फर्क सिर्फ दृष्टि का है। जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि। निष्प्रयोज्य फूलों से अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाने का यह कार्य सकारात्मक दृष्टिकोण से ही संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि अब तक मंदिरों में चढ़ाए गए फूल फेंक दिए जाते थे या नदियों में प्रवाहित कर दिए जाते थे। इससे आस्था भी आहत होती थी और कचरा भी फैलता था। महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र और सीमैप ने इन फूलों को महिलाओं की आय का जरिया बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा जाएगा। इससे महिलाएं घर का काम करते हुए अच्छी आय अर्जित कर सकेंगी।
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उन्होंने कहा कि इससे इत्र भी बनाने का प्रयोग शुरू किया गया है। यह बहुत ही सुगंधित है। आने वाले दिनों में मांगलिक कार्यक्रमों के बाद निष्प्रयोज्य फूलों और घर की पूजा के बाद फेंके जाने वाले फूलों को भी इस अभियान में समाहित किया जाएगा। साथ ही चढ़ाए गए बेलपत्र व तुलसी से भी कई प्रकार की अगरबत्ती बनाई जाएगी।
लोकार्पण से पूर्व मुख्यमंत्री ने इस कार्य में प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं के स्टाल पर जाकर अगरबत्ती बनाने की विधि भी देखी।