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‘बिहार कोकिला’ शारदा सिन्हा का निधन, छठ व्रत के पहले दिन ली अंतिम सांस

Sharda Sinha

Sharda Sinha

बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का निधन हो गया। दिल्ली एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी तबीयत अचानक अधिक बिगड़ी थी जिसके बाद वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था।

शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) के बेटे अंशुमान ने सोशल मीडिया पर उनकी तबियत बिगड़ने की जानकारी दी थी। उन्होंने एक वीडियो जारी किया है और बताया कि उनकी मां की हालत नाजुक है। सोमवार 4 नवंबर को दोपहर के समय उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बेटे अंशुमन ने की पोस्ट

शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की तस्वीर शेयर करते हुए उनके निधन की खबर की पुष्टि बेटे अंशुमन सिन्हा ने कर दी है। सिंगर के इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो पोस्ट करते हुए अंशुमन ने लिखा, ‘अंशुमन सिन्हा द्वारा किया गया पोस्ट। आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।’

छठ के मौके पर रिलीज हुआ आखिरी गाना

शारदा सिन्हा का अंतिम छठ गीत भी एक दिन पहले ही रिलीज किया गया था। हालांकि इस गाने की रिकॉर्डिंग पहले ही हो गई थी। लेकिन छठ के मौके पर ही उनके नए गीत रिलीज किए जाते थे। और आज छठ के पर्व के पहले ही दिन गायिका ने दुनिया को अलविदा कह दिया। शारदा सिन्हा के नए छठ गीत का नाम ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’ है। यह उनका आखिरी छठ गीत है।

‘बिहार कोकिला’ शारदा सिन्हा

1 अक्टूबर 1952 को सुपौल, बिहार में जन्मीं शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) ने अपने अधिकतर गाने मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में गाए। उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ‘बिहार कोकिला’ कही जाने वालीं शारदा ने बॉलीवुड समेत, भोजपुरी फिल्मों के लिए भी गीत गाए लेकिन वो प्रमुख तौर पर अपने छठ गीतों के लिए बहुत पॉपुलर हुईं।

अपने पूरे करियर में उन्होंने कुल 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे। उनके गीतों के बिना लोगों को छठ का त्यौहार अधूरा लगता है। शारदा का निधन छठ से ठीक पहले हुआ है।

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