वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना गया है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की तरक्की, लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए पूजा-पाठ करती हैं। वट सावित्री व्रत में पूजा-पाठ के अलावा आप कुछ आसान उपाय कर सकते हैं, जिन्हें करने से आपकी हर मनोकामना भी पूरी हो सकती हैं। आइए जानते हैं वो उपाय कौन से हैं।
वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर रखा जाता है। इस बार 26 मई, सोमवार को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। अगर इस दिन पति-पत्नी साथ मिलकर कुछ खास उपाय करते हैं, तो इससे घर में बरकत से लेकर रिश्तों में प्रेम बढ़ता है।
वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत के उपाय
वट सावित्री vके दिन पति-पत्नी को साथ मिलकर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, वट वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन में मिठास और खुशहाली बनी रहती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ के नीचे 11 कौड़ियां चढ़ानी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत होती है।
वट सावित्री vव्रत के दिन वट वृक्ष के नीचे गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। इस दौरान आप सुख-समृद्धि का कामना करें। ऐसा करने से आपके घर में खुशहाली का वास होता है।
वट सावित्री (Vat Savitri) पूजा के दिन व्रत का पारण करते हुए महिलाएं पति को तिलक लगाकर उनके चरणों को छूना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत के दिन सावित्री-सत्यवान की कथा का पाठ करने का विधान माना गया है। ऐसे में पति-पत्नी को साथ बैठकर इस कथा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इससे पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।