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कन्या पूजन के समय न करें ये गलतियां, वरना देवी मां हो जाएंगी नाराज

Kanya Pujan

Kanya Pujan

नवरात्र के दौरान कन्या पूजा (Kanya Pujan) एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। ऐसा हर साल अष्टमी और नवमी तिथि को किया जाता है। इसे कुमारिका पूजा भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्र के दौरान कन्या पूजन (Kanya Pujan) करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

उनकी कृपा से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में अगर आप नवरात्र में कन्या पूजन (Kanya Pujan) कर रहे हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

कन्या पूजन (Kanya Pujan) में इन बातों का रखें ध्यान

– कन्या पूजन (Kanya Pujan) के लिए कन्याओं को सच्चे मन से आमंत्रित करें।
– कन्या पूजन (Kanya Pujan) करते समय किसी भी तरह की हीन भावना अपने मन में न लाएं।
– कन्या पूजन में किसी तरह का भेदभाव न करें।
– पूजा के दौरान काली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
– कन्याओं का पूरे परिवार सहित स्वागत करें।
– कन्याओं को पवित्र स्थान पर बैठाएं।
– कन्याओं को अक्षत, फूल और कुमकुम का तिलक करें।
– माता रानी का ध्यान करें और सभी कन्याओं को भोजन कराएं।
– भोजन के बाद कन्याओं को उपहार और दक्षिणा जरूर दें।
– अंत में कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।

कन्या पूजन (Kanya Pujan) से जुड़ी मान्यता

कन्या पूजन (Kanya Pujan)  वाले दिन व्रत रखा जाता है और छोटी कन्याओं को अपने घर आमंत्रित किया जाता है। कहा जाता है कि इस तरह का अनुष्ठान माता रानी के प्रति आभार व्यक्त करने का एक विशेष तरीका होता है।

इस दिन लोग शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। छोटी-छोटी कन्याएं देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। कंजक के दौरान एक लड़के को भी भैरव बाबा के रूप में बुलाया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि जो लोग कन्या पूजन (Kanya Pujan)  करते हैं, उन्हें नवरात्र का पूरा फल मिलता है।

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