Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इन नियमों का करें पालन

Sawan

Sawan

सावन (Sawan) के महीने में श्रद्धालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। सावन (Sawan) के सोमवार, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत के जलाभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। लेकिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं वो कौन से नियम हैं।

स्वच्छता का ध्यान

जिस दिन आप जल चढ़ाना चाहते हैं, उस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर एक लोटे में गंगाजल या साफ जल लेकर थोड़े से अक्षत, चंदन और फूल मिलाएं।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ईशान कोण (उत्तर- पूर्व दिशा) या पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े होना चाहिए। सबसे पहले तांबे पीतल या चांदी के लौटे में जल लेकर सबसे पहले के शिवलिंग के दाएं ओर जल चढ़ाएं।

फिर शिवलिंग के बाईं ओर जल चढ़ाएं और इसके बाद शिवलिंग के बीच में जल चढ़ाएं। फिर शिवलिंग के गोलाकार हिस्से पर जल चढ़ाएं और अंत में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं जो कि स्वंय भगवान शिव का प्रतीक है।

मंत्र का जाप जरूर करें

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप जरूर करते रहें। धार्मिक मान्यता है कि इससे भगवान शिव कृपा जल्दी प्राप्त होती है। अगर आप बिना मंत्र जाप किए शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, तो आपको पूर्ण फल नहीं प्राप्त होगा।

शिवलिंग का जल चढ़ाने का सही समय

ब्रह्म मुहूर्त:- शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त माना गया है, जो सूर्योदय से डेढ़ या दो घंटे पहले होता है।

प्रातःकाल:- अगर ब्रह्म मुहूर्त में न हो सके तो प्रातः 4 से 6 बजे के बीच जलाभिषेक करना चाहिए।

अगर आप जल्दी नहीं उठ पाते हैं, तो सुबह 7 से 11 बजे के बीच भी शिवलिंग पर जल चढ़ाया जा सकता है।

शिवलिंग पर जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर रात के समय यानी सूर्यास्त के बाद जल नहीं चढ़ाना चाहिए। शिव पूजन और जलाभिषेक दोपहर के समय करना भी कम फलदायी माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सुबह के समय शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

Exit mobile version