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सुख-समृद्धि के लिए राशिनुसार करें दिवाली पूजन, नोट करें शुभ मुहूर्त

Diwali

Diwali

दीपावली के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु के निमित्त दीपक प्रज्वलित करें। महाकाली पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति और शत्रु भय से मुक्ति के साथ मुकदमें में विजय प्राप्त होती है।

दीपावली पर दक्षिणावर्तीं शंख, श्री यंत्र, गोमती चक्र, मां लक्ष्मी, कुबेर यंत्र, हल्दी की गांठ और छोटा नारियल के साथ पूजन करना चाहिए। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेयस्कर होगा।

काली पूजा अमावस्या की मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है। राशियों के अनुरूप पूजन करने से आपके अधूरे कार्य पूरे होंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि राशियों के अनुरूप पुष्प व प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

राशि वाले कैसे करें पूजन

मेष- दीपावली के दिन श्री गणेश को पीले रंग की मिठाई व लड्डू का भोग लगाएं और मां लक्ष्मी की कमल दल से पूजा करें।

वृषभ- हनुमानजी को गुड़-चने का भाेग लगाएं और दक्षिण पूर्व के कोने पर तिल के तेल का दीपक जलाएं और पूजन करें।

मिथुन- नारियल के साथ ही मां लक्ष्मी को सूखे मेवे या मेवे की मिठाई का भोग लगाएं। घर के आंगन के बीचो बीच तेल का दीपक जलाकर पूजन करें।

कर्क- श्री गणेश-लक्ष्मी पूजन के साथ ही गुरु वृहस्पति का भोग लगाएं। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाएं।

सिंह- कलश स्थापित कर पूजन करना श्रेयस्कर होगा। घर के मुख्य स्थानों पर देसी घी के दीपक जलाएं और लक्ष्मी जी को कमल अर्पित करें।

कन्या- पूजन से पहले में घी का दीपक जलाएं और भोजन दान करें। घर में तेल का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें।

तुला- पीपल को शर्बत चढ़ाकर तेल का दीपक जलाना श्रेयस्कर होगा। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाना उत्तम होगा।

वृश्चिक- घर के मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं और उसे रात भर जलने दें। हनुमान जी की पूजा करने से रुके कार्य पूर्ण होंगे।

धनु- गणेशजी को लड्डू का भोग लगाएं और लक्ष्मी स्वरूप गोमामा को रोटी और गुड़ खिलाएं। मुख्य स्थान पर घी या तेल का दीपक जलाएं

मकर- दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं और श्री गणेश को सफेद रंग की मिठाई व खील का भोग लगाएं।

कुंभ- घर के मध्य में तेल का बड़ा दीपक जलाएं और उसी के माध्यम से पूरे घर के रोशन करें। श्री गणेश और लक्ष्मी का पूजन करें।

मीन- मंदिर में दीपक, तेल तथा काली उड़द दान करने से सभी रुके काम पूरे हो जाएंगे। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाना चाहिए।

घर और प्रतिष्ठान में पूजन का मुहूर्तः

आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मुहूर्त के अनुरूप पूजन करना चाहिए। आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। वहीं, आचार्य अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि पूजन के मुहूर्त इस प्रकार है, जिसके अनुसार दीपावली पर पूजन करें।

लाभ मुहूर्त- सुबह 11 :50 से दोपहर 1 :12 बजे तक।

अमृत मुहूर्त- दाेपहर 1 :12 बजे से दोपहर 2 :34 बजे तक।

शुभ मुहूर्त- दोपहर 3 :56 से शाम 5 :18 बजे तक

कुंभ लग्न- दोपहर 1:24 बजे से दोपहर 2:53 बजे तक (स्थिर लग्न)

प्रदोष काल – शाम 5:21 बजे से शाम 7:57 बजे तक

वृषभ लग्न- शाम 5:57 – शाम 7:53 बजे(घर में पूजा हेतु)

सिंह लग्न- रात्रि 12:27बजे से रात्रि 2: 42 बजे तक ( ईष्ट साधना सिद्धि के लिए )

महानिशिथ काल- रात्रि 11:24 बजे से 12:16 बजे तक (काली पूजा तथा तांत्रिक पूजा के लिए )

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