नई दिल्ली। देश में पास किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब ढाई महीने से आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले। इसी बीच कुछ विपक्षी दल भी किसानों के समर्थन में उतर चुके हैं। वहीं अब किसानों के आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिलने लगा है।
अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करके इन चर्चाओं को और बढ़ा दिया है। वहीं अब विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में अपना बयान जारी किया है।
It's unfortunate to see vested interest groups trying to enforce their agenda on these protests, & derail them. This was egregiously witnessed on January 26: MEA on recent comments by foreign individuals and entities on the farmers’ protests pic.twitter.com/kBz6pRDplO
— ANI (@ANI) February 3, 2021
इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी करके कहा है, ‘सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा किया गया हो तो यह न तो सटीक है और न ही जिम्मेदाराना है। विदेश मंत्रालय का यह जवाब तक आया है जब पॉप सिंगर रिहाना, क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की रिश्तेदार मीना हैरिस ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किए हैं।
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विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इन विरोधों पर अपना एजेंडा लागू करने और उन्हें पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे निहित स्वार्थी समूहों को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है। जैसा कि 26 जनवरी को देखा गया था। इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करते हैं कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की उचित समझ की जाए। भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए हैं।
The temptation of sensationalist social media hashtags and comments, especially when resorted to by celebrities and others, is neither accurate nor responsible: MEA on recent comments by foreign individuals and entities on the farmers’ protests
— ANI (@ANI) February 3, 2021
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन निहित स्वार्थ समूहों में से कुछ ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश की है। ऐसे बाहरी तत्वों से प्रेरित होकर दुनिया के कई हिस्सों में महात्मा गांधी की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह भारत के लिए और हर जगह सभ्य समाज के लिए बेहद परेशान करने वाली बात है।