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पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डीन जोंस ने मुंबई में ली आखिरी सांस,क्रिकेट जगत में शोक की लहर

डीन जोंस ने मुंबई में ली आखिरी सांस Dean Jones breathed his last in Mumbai

डीन जोंस ने मुंबई में ली आखिरी सांस

 

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर डीन जोंस का निधन 59 साल की उम्र में हो गया। मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में डीन जोंस का हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हुआ। डीन जोंस कई देशों के कोच भी रह चुके हैं साथ ही वह कमेंटेटर भी थे। डीन जोंस ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट व वनडे क्रिकेट खेला था। उनके नाम पर टेस्ट क्रिकेट में कई बेहतरीन रिकॉर्ड दर्ज हैं तो वहीं वो वनडे क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी व शानदार फील्डिंग के लिए जाने जाते थे।

IPL 2020 में कमेंट्री कर रहे इस दिग्गज खिलाड़ी का निधन

डीन जोंस को 80 के दशक के आखिरी में तो वहीं 90 की दशक के शुरुआत में उन्हें दुनिया के बेस्ट वनडे बल्लेबाजों में शुमार किया जाता था। वो स्पिनर व तेज गेंदबाज दोनोें के खिलाफ ही बेहतरीन बल्लेबाज थे। विकेटों के बीच रनिंग के मामले में उन्हें गजब का माना जाता था। साल 2019 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया क्रिकट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था।

डीन जोंस के निधन के बाद टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने ट्वीट करके अपनी श्रद्धांजलि उन्हें दी।

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कहा कि डीन जोन्स के निधन दुखद खबर सुनकर चौंक गए। भगवान उनके परिवार और दोस्तों को दुखद खबर सहन करने की शक्ति की दें।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोट बल्लेबाज वीरेंद सहवाग ने कहा कि डीन जोन्स के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है। अभी भी इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। मेरे पसंदीदा टिप्पणीकारों में से एक थे, वह मेरे कई स्थलों मेरे साथ थे। वाकई उनके साथ यादें ताजा करती थीं। उनकी याद आएगी।

डीन जोंस की गिनती ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ फील्डर्स में होती थी, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो दोहरे शतक बनाए, जिसमें भारत के खिलाफ चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में वर्ष 1986 में खेली गई 210 रन की पारी भी शामिल है। 1984 से 1992 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए 52 टेस्ट और 164 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में खेलने वाले जोंस लंब समय से क्रिकेट का आंखों-देखा हाल सुना रहे थे।

टेस्ट में 46.55 की औसत से 11 शतक और 14 अर्धशतक के बूते उनके बल्ले से 3631 रन निकले थे। जबकि वन-डे में उन्होंने 46 अर्धशतक और सात शतक जड़कर छह हजार से ज्यादा रन बनाए थे। यहां भी उनका औसत 45 के करीब था।

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