बसपा ने चकिया के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता जितेंद्र कुमार एडवोकेट को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की गई है।
पूर्व विधायक को दूसरी बार पार्टी से बाहर किया गया है। पूर्व में भी इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए निष्कासित किया गया था। हालांकि कुछ ही दिनों बाद ये दोबारा पार्टी में शामिल हो गए और प्रमुख पदों पर भी रहे।
बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए निष्कासन के बाबत बाकायदा एक पत्र जारी किया। बताया कि विभिन्न सूत्रों से छानबीन करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने को लेकर पूर्व विधायक को कई दफा चेतावनी दी गई थी। लेकिन इनकी कार्यशैली में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आया। लिहाजा पार्टी हित में पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार को निष्कासित कर दिया गया है।
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बता दें कि जितेंद्र कुमार एडवोकेट को 2019 में भी निष्काषित किया था. इस दौरान सपा बसपा गठबंधन के तहत राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट सपा को दिए जाने के बाद से नाराज थे और उन्होंने पार्टी के कार्यक्रम से दूरी बनाई थी। उस दौरान जितेंद्र चकिया में गठबंधन के कार्यक्रम में शामिल भी नहीं हुए थे।
जितेंद्र कुमार एडवोकेट रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से टिकट के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए थे। सपा के हिस्से में रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट आने के बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। उसके बाद वह दूसरे दल से भी टिकट के लिये जुटे थे और लगातार पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल थे। इसी को लेकर बसपा ने उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी।