कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद की जिम्मेदारी से छोड़ने का फैसला लिया है। रावत ने कांग्रेस हाईकमान से प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करने की अपील की है।
बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है। रावत ने लिखा है कि, ”मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं। एक तरफ जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलत्तर होती जा रही हैं। क्योंकि ज्यौं-जयौं चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा।
कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर के खड़ी हुई। मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया।
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हरीश रावत ने आगे लिखा है कि, ”संतों, गुरुओं की भूमि, नानकदेव व गुरु गोविंद सिंह की भूमि से मेरा गहरा भावात्मक लगाव है। मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे मुक्त कर दिया जाए।