नैनीताल। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जहां हर एक वोट की कीमत बहुत मायने रखती है। खासकर उम्मीदवारों के लिए जो मतदाताओं से एक-एक वोट को अपने पक्ष में देने की गुहार लगाते हैं, लेकिन नैनीताल जनपद में कई उम्मीदवार स्वयं न केवल खुद को वोट दे पाए, बल्कि कई मतदान ही नहीं कर पाए।
इस सूची में पहला नाम प्रदेश के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) का है, जो जनपद की लालकुआं विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं, परंतु उनका नाम देहरादून की धरमपुरा विधानसभा की नामांकन सूची में है। इस कारण वह मतदान ही नहीं कर पाए।
इसी तरह कांग्रेस पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य भी ऊधमसिंह नगर जनपद की बाजपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने और नाम हल्द्वानी विधानसभा में होने के कारण अपने लिए मतदान नहीं कर पाए। अलबत्ता उनके पुत्र नैनीताल के निवर्तमान विधायक संजीव आर्य ने बताया कि संभवतया वह सुबह हल्द्वानी में मतदान कर बाजपुर को निकले हों। अलबत्ता उनके द्वारा मतदान किए जाने की पुष्ट सूचना नहीं है।
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इसी तरह स्वयं संजीव आर्य भी हल्द्वानी में नाम होने और नैनीताल से चुनाव लड़ने के कारण खुद के लिए मतदान नहीं कर पाए। अलबत्ता, उन्होंने बताया कि नैनीताल की सभी 42 विधानसभाओं का निरीक्षण करने के उपरांत वह हल्द्वानी के छड़ायल स्थित अपने बूथ पर मतदान करने जा रहे हैं।
नैनीताल विधानसभा के एक अन्य, बसपा के उम्मीदवार राजकमल सोनकर भी हल्द्वानी से होने की वजह से खुद के लिए मतदान नहीं कर पाए। इसी तरह रामनगर से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. महेंद्र सिंह पाल भी नैनीताल से होने और रामनगर सीट से लड़ने की वजह से मतदान नहीं कर पाए।
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रामनगर से सल्ट चुनाव लड़ने को भेजे गए कांग्रेस उम्मीदवार रणजीत सिंह रावत भी रामनगर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता होने की वजह से मतदान नहीं कर पाए। इसी तरह कांग्रेस के टिकट पर गंगोलीहाट सीट से मैदान में उतरे हल्द्वानी विधानसभा के निवासी खजान चंद्र गुड्डू भी मतदान नहीं कर पाए।