भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। उनकी मृत्यु हृदयघात के चलते हुई। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। यशपाल के निधन की खबर पाकर पूर्व कप्तान कपिल देव भी आंसू नहीं रोक पाए। जब भारत ने साल 1983 में पहली बार वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीता था तो यशपाल उस विश्व विजेता टीम के हिस्सा थे। यशपाल शर्मा का भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान रहा। वह टीम इंडिया के चयनकर्ता भी रहे।
यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 1606 रन बनाए। टेस्ट मैचों में य़शपाल का सर्वोच्च स्कोर 140 रन रहा। क्रिकेट के सबसे बड़े पारूप में उनके नाम 2 शतक और 9 अर्धशतक दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए 42 एकदिवसीय मैच खेले जिनमें 4 अर्धशतक सहित उनके बल्ले से 883 रन निकले। वनडे क्रिकेट में यशपाल का सर्वोच्च स्कोर 89 रन रहा।
इसके अलावा यशपाल ने 160 प्रथम श्रेणी मैचों में 8933 रन बनाए। जिनमें उन्होंने 21 शतक और 46 अर्धशतक लगाए। वहीं लिस्ट ए के 741 मैचों में उनके नाम 1859 रन दर्ज हैं जिनमें वह 12 शतक लगाने में सफल रहे।
1983 क्रिकेट विश्व कप फाइनल में यशपाल शर्मा का प्रदर्शन
25 जून 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच लॉर्डस पर खेले गए विश्व कप फाइनल में यशपाल शर्मा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। इस दौरान उन्होंने सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए 11 रनों की पारी खेली। भारत ने इस फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप जीता।
इससे पहले विश्व कप में भारत ने ग्रुप मैचों के दौरान वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत के साथ शुरूआत की थी। इस मुकाबले में यशपाल शर्मा की भूमिका अहम थी। जब वह बल्लेबाजी करने मैदान पर आए तो उस समय भारत का स्कोर 3 विकेट पर 76 रन था इसके बाद भारत के 141 रनों पर पांच विकेट गिर गए।
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वेस्टइंडीज के खिलाफ इस मुकाबले में यशपाल ने 120 गेंदों पर 89 रन बनाए।. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उन्होंने 40 रनों की पारी खेली। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ नाजुक स्थिति में यशपाल ने 61 रन बनाए थे। कुल मिलाकर 1983 विश्व कप में यशपाल शर्मा ने 34.28 के औसत से 240 रन बनाने में सफल रहे। उनके इस प्रदर्शन के चलते भारत फाइनल तक पहुंचने और खिताब जीतने में सफल रहा।