औरैया। यूपी की औरैया कोर्ट ने पूर्व डकैत सीमा परिहार (Seema Parihar) और उसके तीन साथियों को अपहरण व फिरौती के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। सजा का ऐलान होने के बाद चारों को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेल भेज दिया गया।
दरअसल, ये मामला 30 साल पुराना है। तब औरैया थाना हुआ करता था और जिला इटावा था। 19 मार्च 1994 को ग्राम गढ़िया बक्शीराम में श्रीकृष्ण त्रिपाठी अपने भाई प्रमोद के साथ ट्यूबवेल पर सो रहे थे। तभी लालाराम गिरोह द्वारा प्रमोद (35) को किडनैप कर लिया गया।
इसको लेकर श्रीकृष्ण त्रिपाठी ने सीमा परिहार (Seema Parihar) समेत 9 लोगों के खिलाफ थाना औरैया में मामला दर्ज कराया था। त्रिपाठी के मुताबिक, रात में 10 से 15 हथियारबंद बदमाशों ने उसके भाई को अगवा कर लिया था। इसमें लालाराम के साथ सीमा परिहार का नाम भी शामिल था।
बाद में लालाराम का एनकाउंटर हो गया था। जिसके बाद सीमा परिहार (Seema Parihar) ने आत्म समर्पण कर दिया था। केस पहले इटावा जिला होने के नाते वहां चला। मगर उसके बाद औरैया जिला बनने के बाद ट्रांसफर हो गया। लंबे चले इस केस में अब तक पांच आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है।
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अब कोर्ट ने सीमा परिहार समेत चार लोगों को दोषी मानते हुए 4-4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड भी लगाया है। हालांकि, सीमा परिहार के वकील ने बताया कि हम ऊपरी कोर्ट में अपील दायर करेंगे। वहीं, सीमा परिहार ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जो काम मैंने किया ही नहीं, उसके लिए कोर्ट मुझे न्याय देगा।
उधर, अभियोजन की ओर से बताया गया कि 19/20 मार्च 1994 की रात 12:30 बजे की यह घटना पुलिस ने पंजीकृत की थी। जिसमें ग्राम गढि़या बक्सीराम निवासी श्रीकृष्ण त्रिपाठी ने रिपोर्ट में लिखा कि उसका 25 वर्षीय भाई प्रमोद अपने ट्यूबवेल पर लेटकर खेतों में पानी लगा रहा था। तभी रात में दर्जन भर सशस्त्र बदमाश ट्यूबवेल पर आए और दरवाजा खुलवाकर प्रमोद को पकड़ कर ले गए। बाद में गिरोह की पहचान दस्यु लालाराम-सीमा परिहार आदि के रूप में हुई।