सौ करोड़ रुपये की वसूली के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुसीबत बढ़ती जा रही है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार ECIR मुंबई में दर्ज किया गया है और जल्द ही ईडी पूछताछ कर सकती है।
सूत्रों ने कहा कि अनिल देशमुख और अन्य लोगों के खिलाफ आने वाले दिनों में समन भी जारी किया जा सकता है और उनके बयान ईडी अधिकारियों द्वारा दर्ज किए जाएंगे। बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद 100 करोड़ रुपये की वसूली केस की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने 24 अप्रैल को अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था।
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आरोप है कि 100 करोड़ में से 40 से 45 करोड़ रुपये कथित रूप से होटल बार और रेस्तरां से निलंबित पुलिस अफसर सचिन वाजे और एसीपी संजय पाटिल द्वारा वसूले जाने थे। वसूली को लेकर 20 मार्च को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी, जो बाद में लीक हो गई थी।
अपनी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने गृह मंत्री होते हुए सचिन वेज और संजय पाटिल को निर्देश दिया गया कि मुंबई में जबरन वसूली करके वह 100 करोड़ रुपये प्रति माह इकट्ठा करें। इस चिट्ठी के लीक होने के बाद बहुत राजनीतिक बवाल हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया था, फिर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने वसूली केस की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद ही अनिल देशमुख ने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई अधिकारियों ने अनि देशमुख सहित विभिन्न लोगों से पूछताछ की और फिर प्राथमिकी दर्ज की। देशमुख के मुंबई और नागौर के आवास पर छापेमारी भी की गई थी।