राजधानी लखनऊ के पूर्व मेयर डॉ दाऊजी गुप्ता का रविवार को निधन हो गया। दाऊजी गुप्ता कोरोना वायरस से संक्रमित थे, लेकिन रविवार को निधन से एक दिन पहले रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी।
दाऊजी गुप्ता घर मे ही रहकर कोरोना की जंग लड़ रहे थे। दाऊजी गुप्ता लखनऊ नगर निगम के सबसे अधिक समय तक मेयर रहे। वे 21 सालों तक लखनऊ नगर निगम के मेयर पद पर विराजमान रहे। वे वर्ल्ड मेयर कांफ्रेंस के वाइस प्रेसिडेंट डायरेक्टर भी रह चुके थे।
1971 मे वर्ल्ड मेयर कांफ्रेंस अमेरिका के हवाई शहर मे हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए देश भर से तीन मेयर को चुना था। लखनऊ, बंगलोर और मुंबई के मेयर को चुना गया था, जिसमें से दाऊजी गुप्ता भी एक थे, जो उस समय लखनऊ के मेयर थे।
ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से पांच मरीजों की मौत, परिजनों ने की तोडफोड
दाऊजी गुप्ता ने सिर्फ भारत का प्रतिनिधित्व ही नहीं किया, बल्कि विश्व भर से आए 2000 मेयरों की बैठक के वाइस प्रेसिडेंट और डायरेक्टर भी चुने गये।
दाऊजी गुप्ता का कार्यकाल 5 जुलाई 1971 से 27 मई 1992 तक रहा, यानी 21 साल तक वे मेयर रहे। लखनऊ नगर निगम के इतिहास में सबसे लंबा कार्यकाल रहा। इनके कार्यकाल में ही मेयर पद के कार्यकाल को एक साल से बढ़ाकर 5 साल किया गया था। गौरतलब है कि 1960 से 1973 के बीच मेयर सिर्फ एक साल के लिए चुने जाते थे। 1971 मे आई बाढ़ से निपटने मे भी उनके योगदान को लखनऊवासी याद करते हैं।
परिवार से बगावत कर BJP से चुनाव लड़ रही मुलायम सिंह की भतीजी की हुई हार
बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह उनको याद करते हुए कहते हैं कि लखनऊ ने एक अच्छे विद्वान को खो दिया है। वह एक अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता थे। इस विद्वान के निधन से लखनऊ को बड़ी क्षति हुई है।