यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव व पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा भैया के करीबी रहे पूर्व एमएलसी कुंवर धीरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ मोहन भैया का मंगलवार को लखनऊ के अपोलो अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन को सपा नेताओं ने संगठन के लिए बड़ी क्षति बताई है।
वर्ष 1990 में कुंवर धीरेंद्र बहादुर सिंह पहली बार कांग्रेस से ब्लॉक प्रमुख चुने गए थे। इसके बाद 1991 में कांग्रेस से बगावत कर श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लड़े जिसमें काफी कम अंतर से उनको हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के संपर्क में आने के बाद वह 1992 में खीरी जिले में सपा के संस्थापक जिलाध्यक्ष बने और 1998 तक लगातार पद पर बने रहे।
इस बीच 1993 में सपा बसपा गठबंधन से प्रत्याशी के रूप में वह श्रीनगर विधानसभा से एक बार फिर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 1994 में उन्होंने जिले के कद्दावर नेता अरविंद गिरी को सपा में शामिल कराया। 1996 में श्रीनगर विधानसभा से बसपा प्रत्याशी माया प्रसाद के खिलाफ उन्होंने पर्चा भरा और चुनाव लड़े जिसमें उन्हें बहुत कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
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हार के बावजूद इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वर्ष 2002 में एक बार फिर श्रीनगर विधानसभा से बसपा प्रत्याशी माया प्रसाद के खिलाफ ताल ठोकी लेकिन फिर उन्हें दूसरे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2004 में सपा के टिकट पर विधान परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
वर्ष 2010 में मोहन भैया ने सपा से बगावत की और कांग्रेस का दामन थाम लिया हालांकि वर्ष 2012 में इन्होंने फिर से सपा में वापसी कर ली। कुंवर धीरेंद्र बहादुर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, उद्योगपति अमर सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा भैया व शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी रहे हैं।
महेवा स्टेट से ताल्लुक रखने वाले मोहन भैया की दो बेटियां हैं, इनमें एक बेटी की शादी हो गई है। इनके निधन के बाद घर इनकी पत्नी और एक बेटी ही हैं। मोहन भैया के कोई पुत्र नहीं था।