हरिद्वार कुंभ कोरोना के कारण भी काफी चर्चाओं में है। कुंभ में कोरोना के मामले सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों से कुंभ को प्रतीकात्मक कराने का अनुरोध किया था, जिसके बाद संतों ने कुंभ को लगभग प्रतीकात्मक कर दिया है।
हालांकि बैरागी संत अब भी 27 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान पर अड़े हुए हैं। कुंभ में जो भी आया, खासकर वीआइपी लोग, उनको कोरोना ने जकड़ ही लिया।
जाता मामला नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह का हैं महाकुंभ से नेपाल लौटते ही नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेन्द्र शाह और उनकी पत्नी कोमल शाह काठमांडू एयरपोर्ट पर हुए कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव निकले हैं।
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यह कोई पहले मामला नहीं है। कुम्भ आने के बाद आरएसएस प्रमुख, UP पूर्व सीएम अखिलेश यादव, सीएम तीरथ सिंह रावत लेकिन कई संत और महात्मा भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
इससे एक बात तो साफ है कि कुंभ में कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया कि यहां जो भी आया बच नहीं पाया। चाहे किसी ने कितने भी सुरक्षा उपाया क्यों ना अपनाए हों।
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इस दौरान नेपाल के पूर्व नरेश सीएम तीरथ सिंह रावत, आचार्य बालकृष्ण से लेकर कई महामंडलेश्वरों से मिले। उन्होंने कई अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया था।