Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन

प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन

नई दिल्ली। भारत रत्न व पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए ।पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार लोधी रोड के शमशान धाट में विद्युत शवदाह गृह में कर दिया गया है। देश ने अपने चहेते राजनेता को आज नम आंखों से आखिरी विदाई दे दी है।

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष, समेत कैबिनेट मंत्रियों, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।

केंद्रीय कैबिनेट ने आज दो मिनट का मौन रखकर पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके सम्मान में भारत में 31 अगस्त से लेकर छह सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा।

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रणब मुखर्जी भारत के एक अनुभवी राजनेता थे। पांच दशक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक योगदान दिया। यह चीन-भारत मित्रता और भारत के लिए एक भारी क्षति है। हम उनकी मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हैं और सहानुभूति प्रकट करते हैं।

देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी दिखने में सीधे सीधे और सरल नजर आते थे। उनका व्यक्तिव उतना ही विराट था। यूपीए के कार्यकाल में प्रणब दा का कद पीएम से कम नहीं था। राजनीति के माहिर ये भी बताते हैं कि उन्हें एक दौर प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे माना जाता था, लेकिन वह बन नहीं पाए। प्रणब मुखर्जी की खूबी ये थी कि वह पार्टी और सरकार के बीच पुल का काम वही करते थे। चाहे यूपीए 1 के दौरान विश्वास मत लेने का मसला हो या 2011 में अन्ना मूवमेंट से निपटना रहा हो, प्रणब ही सरकार-पार्टी को गाइड करते रहे।

इसके आलावा भी पूर्व राष्ट्रपति और राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले प्रणब मुखर्जी के विराट व्यक्तिव को ऐसे भी समझा जा सकता है कि उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह तस्वीर ट्वीट की जिसमें वह प्रणब मुखर्जी के पैर छूते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा कि प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर उनका परामर्श मैं कभी भी नहीं भूल पाऊंगा।

Exit mobile version