कोरोना संक्रमण की चपेट में आये पूर्व रॉ के एजेंट मनोज रंजन दीक्षित की सोमवार को निधन हो गया। परिजनों का आरोप है कि लचर चिकित्सा व्यवस्था की वजह से आज वह काल के गाल में समा गए।
पूर्व रॉ कोरोना संक्रमित थे। इसके बाद परिवार के लोग उन्हें इलाज के लिए कई अस्पतालों के चक्कर लगाये, लेकिन उन्हें कही भर्ती नहीं किया गया। अस्पताल में भर्ती के लिए परिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पत्र 18 घंटे लग गये, तब तक उन्हें कही भी भर्ती नहीं किया जा सका। इसके बाद उन्हें समाजसेवियों ने एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया, जहां सोमवार को मनोज की मृत्यु हो गई।
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उल्लेखनीय है कि, मनोज रंजन दीक्षित पाकिस्तान में भारत के लिए जासूसी के आरोप में 1992 में गिरफ्तार हुए थे। इसके बाद वहां की शीर्ष अदालत के निर्देश पर वर्ष 2005 में उनको वाघा अटारी बॉर्डर पर रिहा किया गया था।
पिछले वर्ष पूर्णबंदी के दौरान उनकी निजी नौकरी छूट गई थी। अपने विभाग व सरकार से भी उन्हें जब मदद नहीं मिली तो वह मुफिलिसी के शिकार हो गए। इसके बाद समाजसेवियों ने उनकी मदद की थी।