शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी की मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं। दरअसल सीबीआई (CBI) लगातार वसीम रिजवी के खिलाफ शिकंजा कसती जा रही है।
दो मामलों को सीबीआई ने वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज किया है, अब पता चला है कि वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज पुराने मुकदमों को भी सीबीआई खंगालने में जुटी है। बता दें वसीम पर 10 मुक़दमे लखनऊ में पहले से दर्ज हैं। वसीम पर गंभीर धाराओं के कई मुक़दमे दर्ज हैं।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई पता कर रही है कि पुराने मुक़दमे किस स्थिति में हैं? दरअसल सीबीआई ने वसीम रिज़वी के खिलाफ लखनऊ और प्रयागराज में मुक़दमे दर्ज किए हैं। ये दोनों मामले वक़्फ़ संपत्तियों की खरीद फ़रोख़्त में फर्जीवाड़े से जुड़े हैं। बता दें कि वसीम रिजवी साल 2008 से लेकर मई 2020 तक शिया वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष के पद पर कायम रहे। लेकिन 18 मई 2020 को कार्यकाल पूरा होने के बाद उनकी वापसी नहीं हो सकी।
PFI फंडिंग: लखनऊ में छापेमारी के दौरान ED ने UP प्रेसिडेंट के घर से संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के आधार पर सीबीआई ने प्रदेश की शिया वक्फ संपत्तियों को गैर कानूनी तरीके से बेचने, खरीदने और हस्तांतरित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। वसीम रिजवी के अलावा वक्फ जमीन का लाभ पाने वाले नरेश कृष्ण सोमानी, विजय कृष्ण सोमानी, वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी गुलाम सैयदेन रिजवी और निरीक्षक बाकर रजा को आरोपी बनाया गया है।
बता दें वक्फ की संपत्ति को लेकर धोखाधड़ी में 8 अगस्त 2016 को प्रयागराज में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसके बाद दूसरी 2017 में लखनऊ के हजरतगंज थाने में कानपुर की वक्फ संपत्ति को ट्रांसफर करने पर केस दर्ज हुआ था। इन दोनों दर्ज केस के आधार पर वसीम रिजवी के खिलाफ एफआईआर फाइल हुई है। प्रयागराज में वसीम रिजवी पर मामला 2016 में इमामबाड़ा गुलाम हैदर त्रिपोलिया, ओल्ड जीटी रोड प्रयागराज पर अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कराने का है। इसमें शिकायत पर क्षेत्रीय अवर अभियंता सुधाकर मिश्रा ने 7 मई 2016 को निरीक्षण के बाद पुराने भवन को तोड़कर किए जा रहे अवैध निर्माण को बंद करा दिया।
ट्राले-जीप की भीषण टक्कर में पांच किसानों की मौत, चार घायल
इसके बाद में फिर से निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया था, इसे रोकने के लिए शिया धर्मगुरु मौला कल्बे जव्वाद सहित कई लोगों ने सरकार को कई पत्र लिखे, निर्माण कार्य नहीं रुका। आरोप है कि इमामबाड़ा गुलाम हैदर में चार मंजिला मार्केट खड़ी कर दी गई थी, जिसके लेकर वसीम रिजवी के खिलाफ वक्फ कानूनों के उल्लंघन को लेकर 26 अगस्त 2016 को एफआईआर दर्ज कराई गई। रिजवी के खिलाफ आईपीसी की धारा 447 और 441 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन प्रशासन की ओर से वसीम रिजवी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में एसर फाउंडेशन के अध्यक्ष शौकत भारती ने प्रयागराज के डीएम से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग तक पत्र लिखा। वसीम रिजवी के खिलाफ मौलाना कल्बे जव्वाद ने भी शिकायत दर्ज करायी थी।
वसीम रिजवी के खिलाफ दूसरी एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में 27 मार्च 2017 को दर्ज की गई थी। मामला कानपुर देहात के सिकंदरा में शिया वक्फ बोर्ड में दर्ज 2704 की जमीनों के रिकॉर्डों में घपलेबाजी और मुतवल्ली तौसिफुल को धमकाने का था। इस मामले में रिजवी और वक्फ बोर्ड के अधिकारियों पर 27 लाख रुपये लेकर कानपुर में वक्फ की बेशकीमती संपत्ति का पंजीकरण निरस्त करने और पत्रावली से कागजात गायब करने का आरोप है।