प्रयागराज। अपना फ्लैट खरीदने वाले व्यक्ति को फंसाने के उद्देश्य से एक साजिश के तहत अन्य लोगों से स्वयं फोन कराकर रंगदारी व जान से मारने की धमकी दिलाकर फ्लैट खरीदने वाले व्यक्ति के ही खिलाफ अभियोग पंजीकृत करा दिया जिसमें जांच-पड़ताल करने पर खुलासा हुआ और मुकदमे के वादी सहित चार अभियुक्तों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया।
केन्द्रीय कारागार नैनी में तैनात वादी डॉ विवेक सिंघल पुत्र दीन दयाल सिंघल निवासी चकरघुनाथपुर थाना नैनी में मोबाइल 6389599636 द्वारा 25 लाख की रंगदारी मांगने, गाली गलौज करने एवं जान माल की धमकी दिये जाने के सम्बंध में थाना नैनी में मामला बीते 31 दिसम्बर को पंजीकृत कराया गया था।
मीडिया सेल पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से मिली जानकारी के अनुसार प्रभारी निरीक्षक नैनी बृजेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सम्बंधित अभियुक्त अंजनी दूबे पुत्र रामकृष्ण दूबे निवासी ग्राम सिंगारो पोस्ट औंता थाना मेजा हाल पता किराये का मकान अभिषेक पाण्डेय 12 खम्भा कीडगंज, कार्तिकेय त्रिपाठी पुत्र राजेश कुमार त्रिपाठी निवासी जार्जटाउन, अजय कुमार गौर पुत्र सुरेश चंद्र गौर निवासी सर सुन्दर छात्रावास सर्वेन्ट कालोनी कटरा स्थायी पता ग्राम जलालपुर थाना बहरिया को गिरफ्तार किया गया। इसी क्रम में वादी डॉ विवेक सिंघल को गिरफ्तार किया गया। तत्पश्चात् विधिक कार्यवाही की गयी।
पुलिस विवेचना में यह बात सामने आयी है कि वादी मुकदमा डॉ विवेक सिंघल का रूद्रा अपार्टमेंट में एक फ्लैट था, जिसे इन्होंने एक माह पूर्व रामचन्द्र केसरवानी को विक्रय किया था। फ्लैट के बकाया मेंटीनेन्स खर्च को लेकर दोनों में विवाद चल रहा था। जिसके चलते डॉ विवेक सिंघल ने षडयंत्र के तहत रामचन्द्र केसरवानी को फर्जी मुकदमें में फसाने की नीयत से नैनी जेल में निरूद्ध बंदी राजेश तिवारी के पुत्र कार्तिकेय तिवारी को स्वयं अपने मोबाइल नम्बर पर रंगदारी मांगने व धमकी दिये जाने के लिए तैयार किया। कार्तिकेय द्वारा षडयंत्र में अपने साथी अंजनी दूबे, दिव्यांशु शुक्ला व अजय कुमार गौर को शामिल किया। इन लोगों ने मिथ्या साक्ष्य तैयार किये जाने व फर्जी तरीके से सिम प्राप्त किया था।
अभियुक्त कार्तिकेय त्रिपाठी ने बताया कि मेरे पिता राजेश तिवारी नैनी जेल में निरूद्ध हैं और बीमार हैं। जिनका इलाज डॉ विवेक सिंघल द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने ही रामचन्द्र केसरवानी को फर्जी मुकदमें में फंसाने के लिए मुझे बाध्य किया था। जिस पर मैने अपने साथियों को इस कार्य के लिए तैयार किया।