उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ट्रक पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर विशाखापटनम से मादक पदार्थ तस्करी कर पश्चिमी जिलो में सप्लाई करने वालें गिरोह के चार सदस्यों को मुजफ्फरनगर के रामराज इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर एसटीएफ की मेरठ फील्ड इकाई ने मुजफ्फरनगर जिले के रामराज क्षेत्र से कल रात अन्तराज्यीय स्तर पर मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले गिरोह के ट्रक सवार चार सदस्यों हरसौली निवासी शाहिद , शामली के पंजीठ गांव निवासी हारून अली, परवेज अली और इरफान को टिकोला चीनी मिल तिराहे से गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से तस्करी में इस्तेमाल होने वाला 12 टायरा ट्रक जिसमें 450 पीओपी के कट्टे लदे थे के अलावा फर्जी नम्बर प्लेट , एक कार, चार मोबाईल फोन बरामद किये।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलो में ट्रक में फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर एंव चैसिंस नम्बर बदलवाकर आन्ध्रप्रदेश, विशाखापटनम एंव उडीसा से मादक पदार्थाे की तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय हैं। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को सूचना संकलन कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में मेरठ एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक बृजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीमें गठित कर अभिसूचना संकलन के लिए लगाया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि इसी क्रम जानकारी मिली कि ट्रक में फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर एंव चैसिंस नम्बर परिवर्तित करके विशाखापटनम से मादक पदार्थ लाकर पश्चिमी, पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो में तस्करी की जा रही है। जो वहां से आने वाले ट्रकों में लाये जा रहे सामान में छिपाकर लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सूचना मिली कि ट्रक नम्बर यूपी-12टी 6015 पर एचआर-45बी-ं 5169 की फर्जी नम्बर प्लेट व चैसिंस नम्बर गुदवाकर विशाखापटनम से भारी मात्रा में मादक पदार्थ भरकर लाया जा रहा हैं,जो प्रयागराज होते हुए मुजफ्फनगर पहुंचेगा। इस सूचना पर निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में गठित टीम मुखबिर द्वारा बताये गये ट्रक के आने-जाने वालें रास्ते रामराज इलाके में पहॅुच गई और स्थानीय पुलिस के सहयोग से कल रात साढ़े नौ बजे टिकोला चीनी मिल तिराहे से ट्रक सवार इन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार शाहिद ने पूछताछ पर बताया कि वह काफी समय पहले ट्रांसपोर्ट का कार्य करता था। मेरे ही बगल वाले गांव काकडा का रहने वाला रविन्द्र जो वर्तमान में फरीदाबाद में रहता हैं, उसकी जमीन को पर ठेके पर लेता था। रविन्द्र ने ही उसे कुछ पैसा कमाने का लालच देकर विशाखापटनम से मादक पदार्थ लाने के लिए एक ट्रक की व्यवस्था करने को कहा। इस पर उसने पंजीठ गांव निवासी ट्रक चालक हारून से सम्पर्क किया तथा उससे योजना बताई तो वह भी सहमत हो गया। एक दिन वह हारून, इरफान एंव परवेज रविन्द्र से मिलने के लिए फरीदाबाद गये तथा वहाॅ पर मादक पदार्थ की तस्करी करने की योजना बनायी।
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प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत ये ट्रक पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर विशाखापटनम गये और वहां पहॅुचकर रविन्द्र द्वारा बताये गये स्थान पर गये और जंगल में ट्रक ले जाकर पीओपी के कट्टों के नीचे 25 कुन्तल गांजा छिपाकर लोड करा दिया तथा ट्रक के साथ उन्होंने अपना एक आदमी बैठा दिया व परवेज को ट्रेन से वापस भेज दिया। ये लोग माल लेकर इलाहाबाद आये ट्रक में लदा 25 कुन्तल गांजा उतरवा लिया। चालक इरफान ट्रक लेकर रवाना हो गया और सूचना पर उपरोक्त तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया।