बागपत जिले में महिला पुलिसकर्मियों पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले चार सपा नेताओं ने गुरुवार को अदालत में आत्मसमर्पण किया है। अदालत ने उनको अंतरिम जमानत दी है। कृषि कानून के विरोध में यह सपा नेता धरना प्रदर्शन कर रहे थे इसी दौरान उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों पर अशोभनीय टिप्पणी की थी।
दर्शल कृषि कानून के विरोध में सपाई 14 सितम्बर 2020 को कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन करने वाले थे। लेकिन रास्ते में बागपत मेरठ रोड पर पुलिस ने उनको रोक लिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की। धरना प्रदर्शन में शामिल कुछ महिलाओं व पुरूष नेताओं ने महिला पुलिसकर्मियों पर अशोभनीय टिप्पणी की।
इस मामले में पुलिस ने तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष बिल्लू प्रधान समेत 14 नेताओं और कुछ अज्ञात महिला व पुरुषों के खिलाफ संगीन धाराओं में बागपत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। सपा की महिला सभा जिलाध्यक्ष डॉक्टर सीमा यादव को पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार कर लिया था। जिसमें अभी सपा के अन्य आंदोलनकारी नेता फरार चल रहे थे।
मामले में गुरुवार को सपा के पूर्व प्रदेश सचिव सफीक सलमानी सहित जिला महासचिव डॉ शकील अहमद, जिला सचिव अब्दुल वाहिद, लोहिया वाहिनी के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ रियासत अली ने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है, साथ ही जमानत अर्जी के आधार पर चारों को अंतरिम जमानत भी दे दी गई है। मामले में पुलिस विवेचना के आधार पर कार्रवाई करने में जुटी है।