कानपुर। मूलगंज थाना क्षेत्र के हटिया बर्तन बाजार में गुरुवार रात चार मंजिला मकान का आधे से अधिक हिस्सा ढह गया जिसमें दबकर मां-बेटी की मौत हो गई। सीओ कोतवाली राजेश कुमार पांडेय ने इस मामले की पुष्टि की है।
देर रात पुलिस, दमकल, नगर निगम के साथ सेना भी राहत बचाव कार्य में जुटी है। लखनऊ से 22 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम भी रवाना हो गई है। डीएम, डीआईजी समेत पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी भी मौजूद हैं।
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हटिया बर्तन बाजार में 50 वर्षीय मीना गुप्ता अपने परिवार के साथ तीसरे मंजिल पर रहती थीं। उनकी बीस वर्षीय बेटी प्रीति, व दो बेटे रिंकू और राहुल भी साथ में रहते हैं। उनके पति राम शंकर की मौत हो चुकी है। राम शंकर के भाई गणेश शंकर और प्रेम शंकर का परिवार भी इसी मकान में रहता है। भारी बारिश की वजह से गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे मकान दरकने लगा। मकान में मौजूद सभी लोग बाहर भागे लेकिन मीना और प्रीति उसी में रह गए। तब तक मकान का आधे से अधिक हिस्सा ढह गया। मां-बेटी मलबे में दब गए थे। सूचना पर पुलिस, दमकल, नगर निगम की टीमें पहुंच राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह समेत अन्य अफसर पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक मलबा अधिक होने की वजह से मां-बेटी को निकलना मुश्किल हो रहा था इसलिए सेना को भी बुलाया गया। कुछ देर बाद लखनऊ से 22 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम भी रवाना हुई। जो देर रात घटना स्थल पहुंची और बचाव कार्य में जुट गई। देर रात तक राहत और बचाव कार्य जारी रहा।
मकान ढहने की आवाज इलाके में गूंजी। हर तरफ गलियों से सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। लोग चीख पुकार रहे थे। मीना के बेटे और अन्य परिजन भी चीख-चीख कर रो रहे थे लेकिन मलबा इतना था कि कोई कुछ नहीं कर पा रहा था। लोग और पुलिस प्रशासन चाह कर भी तुरंत कुछ मदद नहीं कर पा रहे थे।
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मीना और उनके तीनों बच्चे घर पर ही थे। मकान गिरने से ठीक कुछ देर पहले राहुल घर से दूध लेने निकला था। जब मकान दरकने लगा तो रिंकू और अन्य परिजन भी भाग कर बाहर निकल गए। मगर मीना और प्रीति सही समय पर बाहर नहीं निकल सके। इसलिए वो फंस गए। राहत बचाव कार्य जारी है। सेना भी लगी है। एसडीआरएफ की टीम भी लगाई गई है।