वाराणसी। सिगरा थाना क्षेत्र के मलदहिया स्थित रेशम फर्म के मैनेजर से दिनदहाड़े दो करोड़ रुपए ठगने वाले चार ठग (Thugs) पुलिस के हत्थे (Arrested) चढ़ गये। पुलिस टीम ने उनके पास से एक करोड़ 87 लाख रुपए, आठ एटीएम, सात मोबाइल और आधार कार्ड ,आइडेंटिटी कार्ड भी बरामद कर लिया।
शुक्रवार को गिरफ्तार (Arrested) चारों ठगों को पत्रकारों के सामने पेश किया गया। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि ठगों की गिरफ्तारी (Arrested) करने वाली पुलिस टीम को अपर मुख्य सचिव गृह ने एक लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि तीन ठगों की गिरफ्तारी मुंबई से और एक की गिरफ्तारी एनसीआर से की गई । गिरफ्तार ठगों में हरियाणा के हिसार थाना के बाजार खंजाचीयान निवासी पंकज भारद्वाज,दिल्ली के प्रशांत नगर थाने के टैंक रोड करोलबाग निवासी रोहन खिची,दिल्ली के सब्जी मंडी थाने के मलिकागंज निवासी तरुण गौतम,राजस्थान के अजमेर का मूल निवासी और दिल्ली में दशरथपुरी में सुकृत अपार्टमेंट में रहने वाला सचिन शर्मा है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अकथा चौराहे के समीप के रहने वाले अंकित शुक्ला मलदहिया क्षेत्र स्थित बेंगलुरु की एक रेशम फर्म का मैनेजर है।
अंकित के साथ उसका साला अश्वनी पांडेय भी काम करता है। अश्वनी की मुलाकात पिछले दिनों अभिषेक और यश से हुई थी। दोनों ने अश्वनी को बताया था कि उनकी एक फर्म है जो अकाउंट संबंधी काम करती है। हम दोनों इनकम टैक्स और जीएसटी में भारी राहत दिलाने का काम करते हैं। जितने पैसे में टैक्स में छूट दिलाई जाती है उसका एक प्रतिशत कमीशन लिया जाता है। अश्वनी को अभिषेक और यश का सुझाव अच्छा लगा तो उसने अंकित को बताया। अश्वनी की बात से अंकित भी सहमत हो गया। अभिषेक और यश से पिशाचमोचन क्षेत्र स्थित उनके दो कमरे के ऑफिस में अंकित और अश्वनी की मुलाकात हुई। अंकित ने अभिषेक और यश से दो करोड़ रुपए के टैक्स में राहत दिलाने की बात कही, तो उन्होंने उसे पैसा लेकर अपने ऑफिस बुलाया। अंकित अपने साले अश्वनी के साथ बीती 20 अप्रैल को अभिषेक और यश के ऑफिस में पहुंचा तो वहां दो बाउंसर संदीप और सोनू भी मिले।
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अभिषेक और यश ने बताया कि संदीप और सोनू को पैसा गिनने के लिए बुलाया गया है। इसके बाद पहले कमरे में अंकित, अश्वनी, यश और सोनू बैठ गए। इसी बीच पहले कमरे से सोनू और यश बाहर निकले। थोड़ी देर बाद अश्वनी ने देखा कि दूसरे कमरे में दो करोड़ रुपए के साथ ही अभिषेक भी नहीं था और पीछे का दरवाजा खुला हुआ था। इस पर अश्वनी और अंकित ने मामला समझते ही इसकी सूचना पुलिस को दी। छानबीन में सामने आया कि अभिषेक और यश नाम फर्जी थे। पुलिस टीम ने मौके से दो बाउंसरों को पकड़ कर पूछताछ किया तो दोनों ने बताया कि अभिषेक और यश ने दिल्ली की एक कंपनी से उन्हें हायर किया था।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपित ठगों की गिरफ्तारी (Arrested) के लिए सर्विलांस प्रभारी अंजनी पांडेय के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच के दरोगा राजकुमार पांडेय, सूरज तिवारी व बृजेश मिश्र, सुरेंद्र कुमार मौर्य, पुनदेव सिंह, विवेकमणि त्रिपाठी, रामबाबू, जितेंद्र सिंह की टीम गठित की गई थी। पुलिस टीम ने सर्विलांस की मदद से अंतरराज्यीय ठग गिरोह के चारों सदस्यों को चिह्नित कर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार ठगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने बताया कि वह इसी तरह से झांसा देकर लोगों को ठगते हैं। उनसे मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्य भी जल्द ही गिरफ्तार (Arrested) किए जाएंगे। इस गिरोह की जड़ें देश के कई राज्यों में फैली हुई हैं।