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एफपीआई ने सितंबर के पहले चार सत्रों में पूंजी बाजारों से 900 करोड़ रुपये की निकासी

Foreign portfolio investors

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक

नई दिल्ली| कमजोर आर्थिक आंकड़ों तथा भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले चार सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 900 करोड़ रुपये की निकासी की है।  डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से चार सितंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 675 करोड़ रुपये निकाले। इसी तरह उन्होंने ऋण या बांड बाजार से शुद्ध रूप से 225 करोड़ रुपये की निकासी की।

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इससे पहले लगातार तीन माह तक एफपीआई शुद्ध लिवाल बने हुए थे। अगस्त में उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों में 46,532 करोड़ रुपये डाले थे। जुलाई में एफपीआई का निवेश 3,301 करोड़ रुपये और जून में 24,053 करोड़ रुपये रहा था।  मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ”सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी होने से पहले इस सप्ताह की शुरुआत में विदेशी निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जून में समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है।

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उन्होंने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख तथा भारत-चीन सीमा तनाव की वजह से भी एफपीआई ने भारतीय बाजारों में निवेश में रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि एफपीआई की निकासी की एक और वजह मुनाफावसूली भी रही। भारत-चीन सीमा तनाव बढ़ने तथा कमजोर घरेलू आर्थिक वातावरण के बीच उन्होंने मुनाफा काटा।

कोटक सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बुनियादी शोध प्रमुख रस्मिक ओझा ने कहा कि इस सप्ताह एफपीआई का प्रवाह काफी दबा हुआ था। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 40 लाख के पार निकल गए हैं और अमेरिकी बाजारों में भी बिकवाली का सिलसिला चल रहा है। ऐसे में आगामी सप्ताहों में भी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है।

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